रायपुर। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अपनी बैठक में तूर (अरहर) दाल, उड़द दाल, धान और मक्का का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) बढ़ाने को मंजूरी दे दी है। वहीं एमएसपी को लेकर छत्तीसगढ़ में सियासत तेज हो गई है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के बीच सियासी जंग जारी है।

सीएम भूपेश बघेल ने एमएसपी को लेकर केंद्र की मोदी सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि, किसानों के साथ एक बार फिर मोदी सरकार ने छल किया है। महंगाई के बीच 143 रुपए धान में वृद्धि किसानों के साथ धोखा है। वहीं सीएम बघेल के इस बयान पर पूर्व सीएम डॉ. रमन ने निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि, जब कांग्रेस की सरकार थी तो भूल गए थे कि वृद्धि करना है।

मनमोहन सरकार के समय भी इस तरह की स्थिति नहीं थी। केंद्र सरकार छत्तीसगढ़ का चावल केंद्र के उपयोग के लिए लेती है, जिससे 23 हजार करोड़ केंद्र सरकार से प्राप्त होगा। यहां की कांग्रेस सरकार से 3300 करोड़ ही प्राप्त होगा। डॉ. रमन सिंह ने एमएसपी में हुई बढ़ोत्तरी का स्वागत करते हुए कहा कि, धान का समर्थन मूल्य अब 2183 से रुपए हो गया है। 2014 में 1360 धान का समर्थन मूल्य था, जो बढ़कर 2183 हो चुका है।

वहीं कांग्रेस प्रभारी कुमारी शैलजा के बयान पर पूर्व सीएम डॉ. रमन ने पलटवार करते हुए कहा है कि, रिपोर्ट कार्ड देखना है तो मुख्यमंत्री का देखें, मंत्रियों का क्यों देख रहे है? मुख्यमंत्री के रिपोर्ट कार्ड से पता चलेगा कि स्कूल, अस्पताल, इंफ्रास्ट्रक्चर पावर सेंटर में कितना इन्वेस्टमेंट हुआ? मुख्यमंत्री के परफॉर्मेंस के आधार पर विधायक, मंत्रियों की हालत और खराब है। पाटन और दुर्ग को छोड़कर पूरे छत्तीसगढ़ में 88 विधानसभा और है यहां कितने काम हुए? इसका हिसाब तो दें। बाद में दूसरों का परफॉर्मेंस देखें।

भाजपा के पास कोई चेहरा नहीं है, कांग्रेस के इस बयान डॉ. रमन ने तंज कसा है। उन्होंने कहा कि, हमारे पास तो केंद्र स्तर पर मोदी जी का चेहरा है। प्रदेश स्तर पर 15 साल के विकास की लिस्ट है। वहीं पटवारियों की हड़ताल पर एस्मा लगाए जाने पर पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि, पटवारियों को बुलाकर बात तो करनी चाहिए। आंदोलन करने वाले पटवारी लगातार बैठे हैं। चर्चा ना करके आतंक का वातावरण बना रहें, ताकि डर के आ जाएं। अभी तक शासन के सचिव स्तर पर कोई भी उनसे बात नहीं किया गया।

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