नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने एक याचिका पर तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया, जिसमें किसी मांग पर्ची और पहचान पत्र के बिना दो हजार रुपये के नोट बदलने के लिए जारी आरबीआई की अधिसूचना को चुनौती दी गई थी। न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस और न्यायमूर्ति राजेश बिंदल की अवकाश पीठ ने रजिस्ट्री द्वारा दायर रिपोर्ट पर विचार किया और कहा कि इस मामले में तत्काल सुनवाई करने की कोई वजह नहीं है। शीर्ष अदालत ने निर्देश दिया कि गर्मी की छुट्टियों के बाद मामले को मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ के समक्ष रखा जाए।

याचिकाकर्ता अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय ने कहा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि शीर्ष अदालत इतने महत्वपूर्ण मामले पर सुनवाई नहीं कर रही है। इस पर शीर्ष अदालत ने कहा कि यह न्यायालय है, सार्वजनिक मंच नहीं है। यह दूसरी बार है जब न्यायालय ने इस मुद्दे पर तत्काल सुनवाई से इनकार किया है। इससे पहले न्यायालय ने एक जून को आरबीआई की अधिसूचना को चुनौती देने वाली उपाध्याय की याचिका पर तत्काल सुनवाई से इनकार करते हुए कहा था कि ग्रीष्मकालीन अवकाश के दौरान ऐसी याचिकाओं पर विचार नहीं किया जाएगा।