नई दिल्ली। उड़ीसा के बालासोर में हाल ही में हुई भीषण ट्रेन हादसे ने भारत सहित दुनिया भर को गमगीन कर दिया है। इस भयंकर हादसे को लेकर देश भर के बुद्धिजीवियों की प्रतिक्रियाएं भी आ रही है जिसमें इस घटना को आतंकी साजिश से जोड़ कर देखा जा रहा है।

देश के पूर्व रॉ चीफ, एनआईए के फॉर्मर डायरेक्टर, आईबी के रिटायर्ड अधिकारियों और कई राज्यों के रिटायर्ड डीजीपी सहित देश के 270 पूर्व न्यायधीशों, रिटायर्ड आईएएस-आईपीएस और सैन्य अधिकारियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर ओडिशा के बालासोर में हुए ट्रेन हादसे के पीछे बड़ी आतंकी साजिश की आशंका जताते हुए सरकार से देशभर में फैले रेल पटरियों की सुरक्षा के लिए अवैध घुसपैठियों और रेल पटरियों के किनारे बसे अवैध अतिक्रमणकारियों को वहां से हटाए जाने की मांग की है।

देश के 14 पूर्व न्यायधीशों, 115 रिटायर्ड ब्यूरोक्रेट और 141 पूर्व सैन्य सैन्य अधिकारियों सहित कुल 270 प्रतिष्ठित व्यक्तियों ने नॉर्थ ईस्ट के राज्यों और 1990 के दशक और 2000 के दशक की शुरूआत में जम्मू कश्मीर और पठानकोट में हमले की वजह से बालासोर की तरह हुए कई ट्रेन हादसे का जिक्र करते हुए कहा है कि हालांकि बालासोर हादसे की जांच अभी चल रही है, लेकिन प्रारंभिक मीडिया रिपोटरें के अनुसार, इस बात पर संदेह करने के कई कारण हैं कि यह आतंकवादी संगठनों के इशारे पर तोड़फोड़ का एक स्पष्ट मामला हो सकता है।

सीबीआई जांच के फैसले को सही ठहराते हुए यह उम्मीद जताई गई है कि सीबीआई सही अपराधियों को बेनकाब करेगी. पूरे देश के रेलवे नेटवर्क को खतरे में बताते हुए पत्र में लिखा गया है कि, भारत का पूरा रेलवे नेटवर्क असुरक्षित है और विशेष रूप से ‘चिकन नेक’ कहे जाने वाले पूर्वी और पूर्वोत्तर राज्यों में यह खतरा ज्यादा है।प्रधानमंत्री से कड़े कदम उठाने की मांग करते हुए कहा गया है कि ,यह अत्यावश्यक है कि अवैध आप्रवासियों सहित रेल पटरियों के किनारे बसे अवैध अतिक्रमणकारियों को हटाया जाए और हमारी रेल पटरियों की सुरक्षा के लिए कड़े कदम उठाए जाएं।