
विशेष संवादाता
रायपुर। प्रदेश में लगातार 15 साल बीजेपी के राज में जो नज़ारा नहीं दिखा। आज बीजेपी कार्यालय में नज़र आया। पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह, उनके उस वक्त के केबिनेट मंत्री, विधायक और सांसद कभी सार्वजनिक रूप से अपना टिफिन ऐसे बांटकर खाते नहीं दिखे थे। लेकिन प्रदेश संगठन प्रभारी ओम माथुर ने बीजेपी की परंपरा को प्रदेश में फिर शुरू करवाया है। ताकि हार के बाद से ही पार्टी नेताओं के तल्ख़ रिश्ते इस टिफिन कम लंच बॉक्स के जरिये मजबूत किया जा सके। प्रदेश संगठन अध्यक्ष अरुण साव भी पार्टी के उन वरिष्ठ समर्पित कार्यकर्ताओं को आने वाले विधानसभा चुनाव 2023 एवं लोकसभा चुनाव 2024 के लिए इसी बहाने चार्ज करते दिखे।

बीजेपी कार्यालय में वरिष्ठ कार्यकर्ता सम्मान एवं टिफिन भोजन में पहुंचे लोगों के लिए उनके समकक्ष के घर का टिफिन का स्वाद चखते देखा गया। जबकि पूर्व मुख्यमंत्री, पूर्व मंत्रियों, सांसदों यानि की ख़ास लोगों के घर के खाने का स्वाद पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारियों को परोसा गया। इस टिफिन पॉलिटिक्स में डॉ रमन ने घर से टिफिन में आम पना-दही वड़े तो सांसद संतोष पांडे पराठे लेकर ए थे। जिसे ओम माथुर और कार्यकर्ताओं संग शेयर करते दिखे। इसी तरह महिला नेत्रियों और संगठन कार्यकर्ताओं ने भी घर का खाना लाये और सभी एक दूसरे से मिल बांट कर खाते दिखे।

टिफिन बैठक में बड़े से टिफिन में पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह आम पना और दही वड़े लेकर आए। सांसद संतोष पांडे ने पराठे और सब्जी साथ रखी थी। भाजपा के प्रदेश प्रभारी ओम माथुर, प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव के साथ इन नेताओं ने अपना टिफिन शेयर किया। कुछ कार्यकर्ताओं ने बड़ी तादाद में टिफिन में रोटी लाई तो किसी ने ढेर सारी सब्जियां कुछ महिला कार्यकर्ताओं ने ढोकले लाए थे। सभी ने इसे आपस में बांटकर खाया। ओम माथुर की प्लेट में रोटी और मसालेदार दाल के साथ हरी भाजी भी थी। प्रभारी श्री माथुर ने कहा आपसी रिश्ता और पार्टी के हर सदस्य को परिवार की तरह भोजन बांटकर खाने फिर एकजुट होकर जीत के लिए जूझने की अपील किया। उन्होंने कहा बीजेपी कार्यकर्त्ता जब एकमात्र पार्टी जो देश में राज करती थी उससे उस वक्त इन्हीं परंपरा से लड़कर आज ताकतवर बानी है। केंद्र में बीजेपी और मोदी जी की नीतियों को आगे लेकर चलना होगा मिलकर काम करते रहना होगा।
छत्तीसगढ़: BJP में 15 साल बाद नेताओं ने आपस में शेयर किया लंच बॉक्स pic.twitter.com/FEPmo0TCpt
— The Rural Press (@theruralpress) June 14, 2023