टीआरपी डेस्क
रायपुर। राजभवन में आज पश्चिम बंगाल, तेलंगाना और गोवा राज्यों का स्थापना दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन ने इस अवसर पर कहा कि देश के विभिन्न राज्यों के लोगो ने छत्तीसगढ में सामाजिक एकीकरण और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा दिया है। प्रदेश की अर्थव्यवस्था में उनका उल्लेखनीय योगदान छत्तीसगढ़ के भविष्य को एक नया आकार दे रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी एवं संस्कृति की पहल पर शुरू की गई केन्द्र सरकार के “एक भारत-श्रेष्ठ भारत” कार्यक्रम के तहत विविधता में एकता की भावना को बढ़ावा देने के लिए सभी राज्य एक-दूसरे राज्यों का स्थापना दिवस मना रहे हैं। इसी कड़ी में राजभवन में यह कार्यक्रम आयोजित किया गया था। जिसमें छत्तीसगढ़ में निवास करने वाले पश्चिम बंगाल, तेलंगाना और गोवा राज्य के लोगों ने उत्साह के साथ भाग लिया। राज्यपाल ने स्थापना दिवस के अवसर पर सभी को बधाई दी।
राज्यपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा सरदार वल्लभ भाई पटेल की 140 वीं जयंती पर शुरू किए गए ‘‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’‘ योजना से भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विविधता का उत्सव मनाकर राष्ट्रीय एकता की भावना, आपसी समझ और सम्मान की भावना को बढ़ावा दिया जा रहा है। यह कार्यक्रम कला, संगीत, नृत्य, भोजन, खेल आदि जैसी विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को एक दूसरे के साथ जोड़ने का काम कर रहा है, उनके बीच सांस्कृतिक और भाषाई आदान-प्रदान को बढ़ावा मिल रहा है। कार्यक्रम में राज्यपाल के सचिव अमृत खलखो सहित तीनों राज्यों के प्रतिनिधि महिला, पुरूष एवं गणमान्य नागरिक बड़ी संख्या में उपस्थित थे। इस अवसर पर उपसचिव दीपक अग्रवाल ने आभार प्रदर्शन किया।
तीनों राज्यों का समृद्ध इतिहास, कला, संस्कृति भी पेश
पश्चिम बंगाल, तेलंगाना और गोवा राज्यों के समृद्ध इतिहास, कला, संस्कृतियों को रेखांकित किया। गोवा सबसे छोटा राज्य है लेकिन इसका इतिहास लंबा और विविध है। उन्होंने पश्चिम बंगाल की महान विभूतियों का जिक्र किया जिन्होंने देश की आजादी और नवनिर्माण में अपना योगदान दिया था। गीतांजलि जैसे महान साहित्य की रचना कर नोबल पुरस्कार प्राप्त करने वाले गुरूदेव रविंद्रनाथ टैगोर के बिलासपुर आगमन और महान संत स्वामी विवेकानंद द्वारा रायपुर में बिताये गये कुछ वर्षो को इतिहास का महत्वपूर्ण क्षण बताया। उन्होंने कहा कि बंगाल की दुर्गा पुजा की परंपरा, छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक पहचान बन गई है। छत्तीसगढ़ के दक्षिण हिस्से में तेलंगाना संस्कृति की झलक दिखाई देती है। इन राज्यों का खान-पान और व्यंजन यहां़ के निवासियों के भोजन का हिस्सा बन गया है।