अंबिकापुर। छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले में हाथियों उत्पात लगातार जारी है। अंबिकापुर में बुधवार तड़के हाथियों के दल ने एक युवक को कुचल दिया। इससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। युवक का शव खेत में क्षत-विक्षत हालत में मिला है। सुबह ग्रामीणों ने इसकी सूचना वन विभाग की टीम को दी। खबर मिलते ही वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची। मृतक का नाम 32 वर्षीय देवनारायण पैकरा बताया जा रहा है। इस घटना के बाद से ग्रामीणों में दहशत क माहौल है।

मिली जानकारी के अनुसार, ग्राम परसा निवासी देव नारायण पैकरा आज तड़के करीब 4.30 बजे अपने खेत से भिंडी तोड़ने के लिए जा रहा था। परसा के कृषक अपनी फसल सुबह अंबिकापुर मंडी या बाजार तक लाते हैं। देव नारायण पैकरा खेत के पास पहुंचा ही था कि उसे वहां मौजूद हाथी दिखाई दिए। उन्हें देखकर देव नारायण भागने की कोशिश करने लगा, लेकिन हाथियों ने उसे घेरकर पकड़ लिया और उठाकर कई बार पटका। इससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। हाथियों ने देव नारायण पैकरा को बुरी तरह से कुचल दिया और पैरों को उखाड़कर अलग कर दिया।

सुबह ग्रामीणों को हाथियों की मौजूदगी की जानकारी मिल गई। जब वे खेत की ओर जाने लगे तो उन्हें देव नारायण पैकरा का क्षत विक्षत शव मिला। सूचना पर अंबिकापुर से एसडीओ फारेस्ट विजेंद्र ठाकुर, रेंजर संजय लकड़ा सहित वन विभाग का अमला मौके पर पहुंचा। मौके पर शव का पंचनामा कर शव को पीएम के लिए मेडिकल कालेज अस्पताल भेज दिया है। बताया जा रहा है कि युवक की जान लेने के बाद हाथियों का दल गांव से दूर हटकर जंगल की ओर चला गया है। वहीं इस घटना के बाद से ग्रामीणों में दहशत है। वह अपने खेतों की ओर जाने से डर रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि, हाथियों का दल करीब 20 दिनों से सूरजपुर वनपरिक्षेत्र के कल्याणपुर इलाके में विचरण कर रहा था। 11 जून की रात इसी दल ने एक महिला सुंदरी को पटक-पटककर मार डाला था। हाथियों के विचरण की निगरानी का दावा करने वाले वनविभाग को तीन हाथियों के अंबिकापुर वनपरिक्षेत्र में घुस आने और कई किलोमीटर दूर परसा पहुंच जाने की भनक तक नहीं लगी। वनविभाग का अमला इसके कारण लोगों को सतर्क नहीं कर पाया। हाथियों का दल अभी भी परसा से लगे वनक्षेत्र में मौजूद है, जिससे ग्रामीण दहशत में हैं।