रायपुर। प्रदेश के करीब 45 हजार संविदा कर्मी, 3 जुलाई से काम बंद कर आंदोलन शुरू करने जा रहे हैं। बता दें कि प्रदेश में बीते 40 दिनों से जारी संविदाकर्मियों की रथ यात्रा शुक्रवार को समाप्त हो गई है।

मगर अब उन्होंने जुलाई माह से काम बंद करने का ऐलान किया है। छत्तीसगढ़ सर्व विभागीय संविदा कर्मचारी संघ के बैनर तले राज्य के सभी विभागों में कार्यरत संविदा कर्मचारी इस आंदोलन में शामिल होंगे।

बता दें कि संविदा कर्मचारियों की नाराजगी कांग्रेस सरकार से है क्योंकि साढ़े चार साल बाद भी जन घोषणा पत्र में किए गए नियमितिकरण के वादे को पूरा नहीं किया गया। 16 मई को जांजगीर चांपा के शिवरी नारायण से संविदा नियमितिकरण रथ यात्रा निकालकर 33 जिलों में कर्मचारियों ने अन्य कर्मचारियों से संपर्क किया। कलेक्टर और 90 विधानसभा के विधायक जनप्रतिनिधि को ज्ञापन सौंपकर मांगें पूरी करने को कहा।

महासंघ के प्रांताध्यक्ष कौशलेश तिवारी का कहना है कि सरकार ने हम संविदा कर्मचारियों से 2018 के चुनाव के जनघोषण पत्र के बिंदु क्रमांक 11 में नियमितिकरण का वादा करने एवं सरकार के 4 साल 6 माह बीत जाने के बाद भी वादा कर पूरा न करना यह गैर लोकतांत्रिक हैं। कई नेताओं से मुलाकात और ज्ञापन सौंपने के बाद भी उनसे किसी प्रकार की कोई चर्चा नहीं की जा रही है।

संघ के प्रांतीय प्रवक्ता एवं मीडिया प्रभारी सूरज सिंह ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस को हम स्पष्ट रूप से यह कहना चाहते हैं कि 45 हजार संविदा कर्मचारियों को अनिश्चितकाल की लिए आंदोलन में जाने पर विवश किया जा रहा है। संघ का कहना है कि अभी भी एक सप्ताह का समय है हमारी मांगों को संज्ञान में लेते हुए तत्काल अनुपूरक बजट में संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण की घोषणा की जाए।

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