बालोद। छत्तीसगढ़ के बालोद जिले में पालकों ने एक सरकारी स्कूल का बहिष्कार कर दिया और अपने बच्चों को स्कूल ही नहीं भेजा। दरअसल, जिले के ग्राम खुर्सीपार के शासकीय प्राथमिक शाला में शिक्षक नहीं होने से बच्चों की पढ़ाई भगवान भरोसे हैं। लिहाजा बच्चों के माता-पिता ने नौनिहालों को स्कूल नहीं भेजने में अपनी भलाई समझी। अब ना तो स्कूल में कोई छात्र है और ना ही कोई शिक्षक। सिर्फ एक शिक्षिका ऑफिस से लेकर स्कूल के सारे काम कर रही है। इसके चलते स्कूल में सन्नाटा पसरा हुआ था और कुर्सियां खाली थी कक्षाएं वीरान थीं।

इस स्कूल की शिक्षिका ने बताया कि, स्कूल में बच्चों की दर्ज संख्या 74 है। विद्यालय में 3 शिक्षक पदस्थ थे, जिसमें से एक शिक्षक को दूसरी जगह अटैच किया गया है। वहीं एक पुरुष शिक्षक हैं जो कि पैरालाइज्ड हैं। इस तरह शिक्षकों की कमी है। पालकों से हमें स्कूल आने के बाद पता चला, जब हमने पूछा कि बच्चे क्यों नहीं आए हैं, तो पालकों ने बताया कि स्कूल में जब तक पर्याप्त शिक्षक नहीं रखे जाते तब तक शाला का बहिष्कार किया जाएगा।

सरपंच रोहित कुमार ठाकुर ने बताया कि, हम लंबे समय से शिक्षकों की मांग कर रहे हैं। विद्यालय में वर्तमान में 74 बच्चों के पीछे केवल 2 शिक्षक हैं। उनमें से एक तो पैरालाइज्ड हैं और दूसरी एक शिक्षिका जो कि प्रधान पाठक का सारा कार्य करती है, वह दस्तावेज बनाने में ही व्यस्त रहती है। इस तरह बच्चों को कोई पढ़ने वाला नहीं रहता। इसके चलते शिक्षा का स्तर गिरता जा रहा है। इसलिए भले हम बच्चों को घर में रखेंगे पर विद्यालय नहीं भेजेंगे। उन्होंने कहा कि जब तक शिक्षकों की कमी पूरी नहीं हो जाती, तब तक हम बच्चों को स्कूल नहीं भेजेंगे।