मुंबई। हाल ही में महाराष्ट्र एटीएस ने डीआरडीओ के वैज्ञानिक प्रदीप कुरुलकर को गिरफ्तार किया था। उनके केस में अब चार्जशीट फाइल की गई है, जिसमें कई अहम खुलासे हुए। आरोप है कि वैज्ञानिक को हनी ट्रैप किया गया था, जिसके चक्कर में उन्होंने भारत की सुरक्षा से जुड़ी कई संवेदनशील जानकारी पाकिस्तान तक पहुंचा दी। चार्जशीट के मुताबिक प्रदीप कुरुलकर एक महिला के साथ संपर्क में थे, जो सोशल मीडिया पर जारा दास गुप्ता नाम से थी।

उसे पाकिस्तानी इंटेलिजेंस ऑपरेटिव की ओर प्लांट किया गया था। वो डीआरडीओ वैज्ञानिक से भारतीय मिसाइल प्रणालियों के बारे में बातचीत करती थी। जांच में पता चला कि महिला ने खुद को यूके में रहने वाली एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर बताया। साथ ही उनको अश्लील मैसेज और वीडियो भेजने लगी। चार्जशीट के मुताबिक जब एटीएस ने उस महिला की आईपी को ट्रेस किया, तो वो पाकिस्तान में मिली।

उस महिला ने डीआरडीओ वैज्ञानिक को अपने जाल में फंसाया और उससे ब्रह्मोस लॉन्चर, ड्रोन, यूसीवी, अग्नि मिसाइल लॉन्चर और मिलिट्री ब्रिजिंग सिस्टम के बारे में काफी कुछ जाना। एटीएस के मुताबिक कुरुलकर उस महिला के चक्कर में इस तरह पड़े कि उन्होंने डीआरडीओ की संवेदनशील जानकारियों को फोन में रखा और उसे उसके साथ शेयर किया। नंबर कर दिया था ब्लॉक एटीएस के मुताबिक दोनों जून 2022 से दिसंबर 2022 तक संपर्क में थे। फरवरी में उनको शक हुआ और उन्होंने उसी वक्त महिला का नंबर ब्लॉक कर दिया। इस बीच डीआरडीओ को भी कुरुलकर की गतिविधियां संदिग्ध लगीं, ऐसे में आंतरिक जांच शुरू हो गई।