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रायपुर। राज्य सरकार से मिली निर्देश के बाद व्यापमं ने प्रवेश परीक्षाओं का आवेदन फार्म अभ्यर्थियों के के लिए निशुल्क कर दिया है। प्रदेश के अभ्यर्थियों को जब से यह सुविधा मिलनी शुरू हुई है, तब से ज्यादातर अभ्यर्थी फॉर्म भरने के बाद प्रवेश परीक्षाओं में हिस्सा नहीं ले रहे हैं।

अभ्यर्थियों की इस मनमानी से व्यापमं का आर्थिक बोझ बढ़ रहा है। बता दें छत्तीसगढ़ में रविवार को व्यापमं की कई परीक्षाएं हुई। छत्तीसगढ़ व्यावसायिक परीक्षा मंडल ने प्रदेश में पीपीटी, प्रीएमसीए, प्रीबीएबीएड और प्रीबीएससी बीएड की प्रवेश परीक्षा का आयोजन किया था। इस प्रवेश परीक्षा में अभ्यर्थियों की उपस्थिति कम रही। प्रीएमसीए में 16.24, पीपीटी में 41.27, प्रीबीएबीड और प्रीबीएससी बीएड में 27.37 छात्र उपस्थित रहे।

2022 में थी ज्यादा उपस्थिति

वर्ष 2022 में प्रीएमसीए की परीक्षा में शामिल होने के लिए 2686 छात्रों ने पंजीयन कराया था। इनमें से 954 यानि 36 प्रतिशत अभ्यर्थी उपस्थित हुए थे। इसी तरह से पीपीटी की प्रवेश परीक्षा में शामिल होने के लिए 18614 छात्रों ने पंजीयन कराया था। इसमें से 11796 यानि 63 प्रतिशत आवेदक उपस्थिति हुए थे। इसी के विपरीत जब अभ्यर्थियों से 2021 में आवेदन फीस ली जाती थी। उस दौरान उपिस्थति का आंकड़ा पीपीटी में 69 प्रतिशत और प्रीएमसीए में 64 प्रतिशत रहता था।

फीस माफी के बाद व्यापमं से पीईटी, पीपीएचटी, पीपीटी, प्री एमसीए, प्री बीएड, प्री डीएलएड, प्री बीएससी नर्सिंग, प्री एमएससी नर्सिंग, पोस्ट बेसिक नर्सिंग, वैज्ञानिक भर्ती और टीईटी आयोजित की गई। इन सभी परीक्षाओं में गैर हाजिर रहने वाले उम्मीदवारों की संख्या 35 प्रतिशत से लेकर 84 प्रतिशत तक जा रही है। व्यापमं की ओर से जब परीक्षा फीस ली जाती थी तब सामान्य वर्ग के लिए 350, ओबीसी के लिए 250 और एससी, एसटी के लिए 200 रुपए फीस तय थी, लेकिन अब स्थानीय लोगों के लिए परीक्षा शुल्क माफ है।

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