भोपाल। मार्च से अब तक केएनपी में चीता ज्वाला के तीन शावकों सहित छह चीतों की मौत हो चुकी है। चीता ज्वाला ने इस साल मार्च में केएनपी में चार शावकों को जन्म दिया था। चीते को 1952 में देश से विलुप्त घोषित कर दिया गया था। श्योपुर। मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले के कुनो राष्ट्रीय उद्यान के जंगल में दक्षिण अफ्रीका से लाए गए दो और चीतों को छोड़ा गया है, जिससे वहां इन जीवों की संख्या बढ़कर 12 हो गई है। एक वरिष्ठ वन अधिकारी ने आज यह जानकारी दी।

भारत में चीतों की आबादी को फिर से बसाने के एक महत्वाकांक्षी कार्यक्रम के तहत आठ चीतों को नामीबिया से केएनपी लाया गया और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पिछले साल 17 सितंबर को इन्हे विशेष बाड़ों में छोड़ा। इनमें पांच मादा और तीन नर चीते शामिल थे। इस साल 18 फरवरी को दक्षिण अफ्रीका से 12 और चीते केएनपी में लाए गए। श्योपुर संभागीय वन अधिकारी पी के वर्मा ने बताया कि सोमवार को दो नर चीतों-प्रभास और पावक को केएनपी के जंगल में छोड़ दिया गया।

इन दोनों को दक्षिण अफ्रीका से लाया गया था। उन्होंने बताया कि अब जंगल में चीतों की कुल संख्या 12 हो गई है, जबकि बाड़ों में पांच चीते और एक शावक हैं। मार्च से अब तक केएनपी में चीता ज्वाला के तीन शावकों सहित छह चीतों की मौत हो चुकी है। चीता ज्वाला ने इस साल मार्च में केएनपी में चार शावकों को जन्म दिया था। चीते को 1952 में देश से विलुप्त घोषित कर दिया गया था।