लखनऊ। उत्तर प्रदेश में बिना बताए 742 डॉक्टर गायब हैं। इन सभी पर बर्खास्तगी की तलवार लटक रही है। स्वास्थ्य महानिदेशालय ने ऐसे डॉक्टरों को चिन्हित कर उनकी रिपोर्ट शासन को भेज दी है। प्रदेश के विभिन्न जिला अस्पताल, सामुदायकि स्वास्थ्य केंद्र एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टरों की लगातार तैनाती की जा रही है। आयोग की ओर से चयनित होने वाले डॉक्टर अस्पताल पर जाने के लिए सहमति देते हैं, लेकिन वहां कुछ दिन रहने के बाद गायब हो जाते हैं।
शासन की ओर से इनके खिलाफ कार्रवाई शुरू हो गई है। प्रदेश के विभिन्न जिला अस्पताल, सामुदायकि स्वास्थ्य केंद्र एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टरों की लगातार तैनाती की जा रही है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से वर्ष 2010 से लेकर 2022 के बीच चयनित होने वाले डॉक्टरों की सूची तैयार की गई। इसमें करीब 742 डॉक्टरों के नाम आए हैं। ये लंबे समय से बिना सूचना दिए गायब हैं। इन सभी को तीन बार नोटिस भेजी गई। इसके बाद भी उनहोंने कोई जवाब नहीं दिया। ऐसे में जो डॉक्टर पांच साल से अधिक समय से गायब हैं, उनकी बर्खास्तगी शुरू हो गई है। जांच के दौरान यह बात भी सामने आई कि कई डॉक्टर ड्यूटी नहीं कर रहे हैं, लेकिन सीएमओ कार्यालय से सांठगांठ करके वेतन लेते रहे हैं। ऐसे डॉक्टरों और सीएमओ कार्यालय की गतिविधियों की नए सिरे से जांच भी शुरू करा दी गई है।