रायपुर : कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता विश्वविद्यालय के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ शाहिद अली को बर्खास्त कर दिया गया है। विश्वविद्यालय ने उनकी सेवा समाप्ति का आदेश जारी कर दिया गया है। यह आदेश यूनिवर्सिटी के कुलसचिव चंद्रशेखर ओझा ने जारी किया है। आदेश में लिखा गया है कि छत्तीसगढ़ लोक आयोग की अनुशंसा पर उच्च शिक्षा विभाग के निर्देशों से गठित सूक्ष्म जांच समिति की रिपोर्ट और विश्वविद्यालय के 58वीं कार्य परिषद की आपात बैठक के बाद यह फैसला लिया गया है। बर्खास्तगी के बाद डॉ शाहिद अली ने अपना पक्ष रखा है।

वहीं प्रोफेसर डॉ शाहिद अली अपना पक्ष रखा है। उन्होंने अपने आप को निर्दोष बताते हुए षड्यंत्र करने की बात कही है। उन्होंने कहा है कि – “माननीय कार्यपरिषद के सदस्यगण, मुझे झूठे मामले में षड्यंत्र करके फंसाया गया है। मेरे विरुद्ध निधि छिब्बर छत्तीसगढ़ लो RCक आयोग ने किसी भी प्रकार की अनुशंसा नहीं की है। राज्य शासन के उच्च शिक्षा विभाग ने भी मेरे विरुद्ध कोई जांच के आदेश नहीं दिए है। गुरु घासीदास विश्वविद्यालय ने मेरे किसी भी दस्तावेजों को फर्जी या झूठा साबित नहीं किया है। पत्रकारिता विश्वविद्यालय ने मुझे कभी कोई आरोप पत्र नहीं दिया है। कार्यपरिषद के माननीय सदस्यों से अनुरोध है मुझे आप लोग सुनवाई का अवसर दीजिए। सुनवाई के बाद आप जो फैसला लेंगे मुझे स्वीकार होगा। डॉ शाहिद अली। “

जानकारी के अनुसार जनसंचार विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर शाहिद अली पर आरोप है कि उन्होंने फर्जी दस्तावेत के आधार पर नौकरी की। इस मामले में शाहिद अली ने हाईकोर्ट का भी रास्ता अपनाया था, लेकिन वहां से भी उन्हें कोई राहत नहीं मिली। अब कार्यपरिषद ने एसोसिएट प्रोफेसर शाहिद अली को बर्खास्त करने का निर्णय लिया है।