नई दिल्ली। चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी की एक बार फिर से भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले एनडीए में एंट्री हो गई है। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने चिराग पासवान को 18 जुलाई को दिल्ली में होने वाली एनडीए की बैठक में शामिल होने का न्योता भेजा है।

मंगलवार शाम 5 बजे अशोका होटल में होने वाली इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मौजूद रहेंगे। लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास पासवान) के नेता चिराग पासवान भले एनडीए  के साथ न रहे हों, लेकिन वो पार्टी के गठन के समय से ही लगातार एनडीए और भाजपा का समर्थन करते रहे हैं। एनडीए में उनकी पार्टी के शामिल होने की चर्चाएं भी काफी दिनों से चल रही थीं। राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं ये भी हैं कि चिराग पासवान को कैबिनेट विस्तार के बाद केंद्र में मंत्री पद भी दिया जा सकता है।


जातिगत समीकरण साध रही है बीजेपी
आगामी लोकसभा चुनावों को लेकर बिहार में खुद को मजबूत करने की कवायद में जुटी बीजेपी तमाम जातिगत समीकरण साध रही है। ऐसे में पासवान समाज को पार्टी से जोड़ने के लिए चिराग एक महत्वपूर्ण चेहरा हैं। यूं तो चिराग पासवान के चाचा पशुपति पारस का गुट पहले ही एनडीए के साथ जुड़ा हुआ है और पारस भी केंद्र में मंत्री हैं। लेकिन पशुपति पारस की तुलना में चिराग युवाओं और बिहार में काफी पॉपुलर हैं।

पिछले लोकसभा चुनावों में लोक जन शक्ति पार्टी ने 6 सीटों पर जीत दर्ज की थी। रामविलास पासवान के निधन के बाद पार्टी दो धड़ों में टूट गई। पांच सांसद पशुपति पारस के पास गए और उन्हें केंद्र में मंत्री का बर्थ मिला। वहीं चिराग ने अलग होकर पिता की विरासत पर दावा ठोका। वो उनकी पार्टी के इकलौते सांसद भले हैं, लेकिन पिता के निधन के बाद समाज में उन्हें काफी पसंद किया गया है।


दोनों लोकजनशक्ति पार्टी एनडीए में
अब जब एनडीए में चिराग की पार्टी की भी एंट्री हो गई है तो दोनों ही लोक जनशक्ति पार्टियां इसका हिस्सा बन गई हैं। राजनीति के जानकारों का मानना है कि बीजेपी चाहती है ये दोनों ही दल मिलकर चुनाव लड़ें ताकि सीटों का सही से बंटवारा हो सके और जातिगत समीकरण का पूरा लाभ एनडीए को मिले। जानकार बताते हैं कि बीजेपी आगामी चुनावों में 6 सीटें लोक जन शक्ति पार्टी को दे सकती है, जिनपर पिछले चुनावों में इस पार्टी ने जीत हासिल की थी।


फिलहाल तीन-तीन सीटें दोनों लोक जन शक्ति पार्टी को देने के फॉर्मुला निकल कर सामने आ रहा है. हालांकि चिराग पासवान की मांग अधिक है। वहीं राजनीतिक गलियारों में चर्चा ये भी है कि उन्हें केंद्र में मंत्री पद भी दिया जा सकता है। हालांकि ये स्थिति तो भविष्य में ही साफ हो सकेगी। चिराग प्रधानमंत्री मोदी के प्रशंसक हैं और वो कई मौकों पर खुद को उनका हनुमान भी बता चुके हैं। अब देखना होगा कि वो बिहार में जनता दल यूनाइटेड के एनडीए से दूर होने के बाद भाजपा को क्या और कितना फायदा पहुंचाते हैं।