रायपुर। छत्तीसगढ़ में आज यानी सोमवार को पारंपरिक त्‍योहार हरेली धूमधाम से मनाई जा रही है। इस मौके पर मुख्यमंत्री निवास भी आज हरेली तिहार के पारंपरिक रंग में रंगा है। यहां छत्तीसगढ़िया संस्कृति की अनूठी झलक दिख रही। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने निवास में सपरिवार कृषि यंत्रों की पूजा कर इस साल अच्छी खेती और प्रदेशवासियों की सुख समृद्धि और खुशहाली की कामना की। इस दौरान लोक गायकों ने सुख समृद्धि का आशीर्वाद दिया।

सीएम हाउस में हरेली का अपूर्व उत्साह चारों ओर छलक रहा है। पारंपरिक वेशभूषा में लोग उत्साह के साथ गेड़ी चढ़ रहे। सीएम हाउस में खेती किसानी में काम आने वाले पारंपरिक औजारों, पशुओं और चरवाहों के वस्त्रों, आभूषणों की प्रदर्शनी लगाई गई है। इस मौके पर पत्नी मुक्तेश्वरी बघेल भी मौजूद हैं। मुख्यमंत्री भूपेश छत्तीसगढ़ महतारी और गौमाता की आराधना से रची बसी सुंदर छत्तीसगढ़ी संस्कृति की समृद्ध विरासत को आगे बढ़ाने का कार्य कर रहे। हरेली के अवसर पर मुख्यमंत्री ने गेड़ी पर चढ़कर सरपट चले। इतनी ऊर्जा जैसी किसी किशोर में दिखती है। फिर अपने नाती पोतों के साथ मुख्यमंत्री ने रहचुली झूले का आनंद भी लिया।

इस दौरान मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि, आप सभी को हरेली तिहार की गाड़ा गाड़ा बधाई। बहुत सुंदर आप सभी ने यहां मंच सजाया है। हरेली त्योहार हम सब उल्लास से मनाते हैं। हरेली त्योहार केवल गेड़ी चढ़ने का त्योहार नहीं है। यह उत्साह का त्योहार है और इसके लिए वातावरण बनाना होता है और यह तब होता है, जब खुशहाली हो। किसान खुशहाल हो। हम यह सब कर रहे हैं। किसानों के दुख दर्द को हमने समझा। किसानों का रकबा बढ़ गया। अब 20 क्विंटल धान खरीदेंगे। यह उल्लास का वातावरण सभी जगह है। आदिवासी क्षेत्रों में भी उल्लास का माहौल है।

सीएम ने कहा कि, गोधन न्याय योजना के माध्यम से अर्थव्यवस्था सुधर रही है। दूध उत्पादन बढ़ गया है। हरेली में जो नीम की डाली का उपयोग होता है। वह कीटनाशक है। यह वर्षाजनित बीमारियों से बचाता है। किसान अपने उपकरणों की पूजा करते हैं। आज जिनके घर भी गाय है उनकी पूजा हो रही है। यही समृद्धि का रास्ता है।