रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र में राज्य सरकार के खिलाफ विपक्ष की ओर से प्रस्तुत अविश्वास प्रस्ताव अस्वीकृत कर दिया गया है। 13 घंटे चली चर्चा के बाद सदन में अविश्वास प्रस्ताव गिर गया। 109 आरोप के साथ शुक्रवार दोपहर 12 बजे शुरू हुई चर्चा रात 1 बजे तक चलती रही, जबकि अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग से पहले ही विपक्ष ने वॉकआउट कर दिया।

वहीं, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अविश्वास प्रस्ताव के विरोध में चर्चा के दौरान जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि, जब हमारी सरकार बनी तो हमने ‘गढ़बो नवा छत्तीसगढ़’ की बात की और इसे साकार करने की दिशा में हमारी सरकार निरंतर कार्य कर रही है। विपक्ष की ओर से प्रस्तुत अविश्वास प्रस्ताव के मुद्दों में कोई तथ्य नहीं है। प्रजातंत्र में विपक्ष का अधिकार होता है कि वे अविश्वास करे। सत्ता पक्ष के पास भी मौका होता है कि अपनी बात रखें। इन्होंने 109 आरोप लगाए पर कोई तथ्य नहीं दिए। पहले जब अविश्वास प्रस्ताव आता था तब नक्सली समस्या पर पहले बात होती थी। इस बार सदस्यों ने नहीं की। ये हमारी उपलब्धि है।

सीएम ने कहा कि, आप इंद्रावती के उस पार गए क्या ये संभव था। ये इसलिए हुआ कि इस समस्या पर काम हुआ। अभी भेंट मुलाकात में बस्तर में रात रुका, सभी से मिला, जो सबसे बड़ा कमेंट मिला जिसने मेरे दिल को छू लिया। जैन समाज के लोगों से मैंने पूछा कि इन चार सालों में क्या फर्क आया। उन्होंने कहा कि रिश्ता करने में बस्तर में अब दिक्कत नहीं होती है। आसानी से लोग रिश्ता दे देते हैं क्योंकि बस्तर बदल गया है। पहले बस्तर में सड़कें काट दी जाती थी आज सड़कें काटी नहीं जाती, ये परिवर्तन बस्तर में देखने को मिला है। पिछली सरकार ने जो स्कूल बंद करा दिए थे, उसे हमने आरम्भ कर दिया। राशन पहुंचाना भी पहले टेढ़ी खीर थी। अब कितना आसान हो गया है। ये बदलाव आया है।

परिवर्तन केवल सत्ता के लिए नहीं होना चाहिए : सीएम
श्री बघेल ने कहा कि, जब हमारी सरकार बनी तो हमने गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ की बात की। उन महापुरुषों को, कलाकारों और राजनीतिक दलों के लोगों को नमन करता हूँ जिन्होंने छत्तीसगढ़ निर्माण में अपना योगदान दिया। परिवर्तन केवल सत्ता के लिए नहीं होना चाहिए। यह लोगों के जीवन मे होना चाहिए इसलिए परिवर्तन की मशाल लेकर हमारे नेता परिवर्तन यात्रा में निकले थे। आज हमने किसानों की जिंदगी बदली है। बस्तर, सरगुजा में परिवर्तन हुआ है। महिलाओं के जीवन मे बदलाव आया है। जब बच्चे फर्राटेदार इंग्लिश में बोलते हैं तब संतोष होता है। आरडी तिवारी स्कूल में पहले 56 बच्चे पढ़ रहे थे। अब हजार बच्चे पढ़ रहे हैं। अब ऐसे स्कूल नहीं चल रहे जो गुणवत्ता नहीं देते। लोग स्वामी आत्मानंद स्कूल में अपने बच्चों को प्रवेश दिला रहे हैं। बस्तर के बच्चों को शिक्षित कर दीजिए, सुपोषित कर दीजिए, वे अपनी जिंदगी स्वयं संवार लेंगे। 20 हजार करोड़ रुपए की इनपुट सब्सिडी हमने किसानों को दी। हमारे प्रदेश का किसान आज बहुत खुशहाल है।

सीएम भूपेश ने डीएमएफ के बारे में दी जानकारी
मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि अब मैं डीएमएफ के बारे में जानकारी देता हूं। मुख्यमंत्री बनने के बाद मैंने मीटिंग ली। सभी खदान आदिवासी अंचल में थी। मैंने पूछा कि आदिवासियों के जीवन मे क्या परिवर्तन आया। उन्होंने कहा कि नहीं आया। हमने कहा कि यह होना चाहिए। हमने कहा कि इससे स्कूल बनाओ, सड़क बनाओ। डीएमएफ का तभी सही उपयोग होगा। मलेरिया में हमने बड़ा काम किया और यह काफी घट गया। उल्टी दस्त का एक भी प्रश्न विधानसभा में बस्तर से नहीं लगा। बस्तर में आज डॉक्टर है, नर्स हैं। ब्लड बैंक बनवाए गए हैं।

शांति का टापू है छत्तीसगढ़
सीएम बघेल ने कहा कि गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ का संकल्प लेकर जब हम निकले, कितनी बाधा आई। कोरोना आया। सबकी मदद से हमने अपना संकल्प पूरा किया। सबने इसके लिए सहयोग किया। पांच साल में आए परिवर्तन के बारे में उन्होंने बताया। आज जिले 33 हो गए। तहसील भी बढ़ गए। प्रति व्यक्ति आय बढ़ गई। धान खरीदी 56 लाख से 110 लाख मीट्रिक टन हो गई। रकबा भी बढ़ गया। धान खरीदी केंद्र 2400 हो गए। राजीव गांधी न्याय योजना, भूमिहीन ग्रामीण श्रमिक योजना, गोधन न्याय योजना हमने आरम्भ की। 10 हजार से अधिक गौठान बनाये। उर्जिकृत पंप 4 लाख हो गए। एकल बत्ती कनेक्शन 15 लाख से 17 लाख हो गए। आपके समय तो 105 करोड रुपए का ऋण माफ हुआ था, हमने तो 9500 सौ करोड़ का ऋण माफ किया है। केसीसी आपके समय में 14 लाख दिए गए। वह अब बढ़कर 21 लाख हो गए हैं। 245 करोड़ का गोबर खरीदा और 291 करोड़ की सामग्री बेचा, यह घाटे का सौदा नहीं है। उन्होंने कहा कि यह कबीर की भूमि है। बाबा गुरु घासीदास की भूमि है। शांति का टापू है। अपनी संस्कृति के लिए हम काम कर रहे हैं।

अविश्वास प्रस्ताव के दौरान विपक्ष ने लगाए गंभीर आरोप
वहीं, अविश्वास प्रस्ताव के दौरान विपक्ष ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। अविश्वास प्रस्ताव में चर्चा के दौरान नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने कहा कि, सरकार दिशाहीन है। संविधान की शपथ को तार-तार कर दिया। राज्य में क्या माहौल है, चुनाव के पहले होर्डिंग लगे थे कि वक्त है बदलाव का। आज जनता कहती है कि वक़्त है पछताव का। हमने इसलिए अविश्वास प्रस्ताव लाया है कि प्रशासन का राजनीतिककरण हो गया है और राजनीति का आपराधीकरण। उन्होंने कहा कि, बिलासपुर में रेत माफिया नदियों का चीरहरण कर रहे हैं। अरपा नदी का बारह फ़ीट गड्डा खोद दिया गया और तीन बच्चियों की मौत हो गई। पूरे राज्य में अपराध की बाढ़ आ गई है, अपराधियों को कौन संरक्षण दे रहा है। सरकार ने जनता का भरोसा खो दिया है, जनता की भावनाओं पर कुठाराघात किया गया।

अविश्वास सरकार ने खो दिया : चंदेल
नारायण चंदेल ने कहा कि, जशपुर में राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र कहलाने वाली जनजाति के चार लोगों की भूख से मौत हो गई, लेकिन सरकार का हेलीकॉप्टर वहां नहीं उतरा, सुदूर दत्तक पुत्रों का भी अविश्वास सरकार ने खो दिया है। पैर के नाखून से सिर के बाल तक भ्रष्टाचार में डूबे हैं। हम व्यक्ति पर प्रहार नहीं कर रहे, हम व्यवस्था पर सवाल कर रहे हैं। आम आदमी के जीवन से खिलवाड़ हो रहा है। अमानक दवाओं की खरीदी की जा रही है।