रायपुर। मणिपुर में महिलाओं के साथ हुई निंदनीय घटना से पूरा देश आक्रोशित है। इस घटना से आदिवासी समुदाय आहत है। वहीं छत्तीसगढ़ में भी मणिपुर की घटना को लेकर आक्रोश देखा जा रहा है। सर्व आदिवासी समाज ने सोमवार को बस्तर बंद का आह्वान किया, जिसका असर कांकेर और सुकमा जिले में दिखने को मिला। कांकेर जिले के सातों ब्लाॅक स्वफूर्तह बंद रहे। सुकमा जिले में भी बंद का व्यापाक असर देखने को मिला। वहीं, सर्व आदिवासी समाज के बंद को चेम्बर ऑफ कॉमर्स ने भी समर्थन दिया है।

आज सुबह से ही लोग अपनी दुकानें बंद रखकर मणिपुर में हुए घटना का विरोध जता रहे हैं। वहीं एक दिन पहले कांकेर में आदिवासी समाज की सैकड़ों युवतियों ने केंद्रीय मंत्रियों का पुतला भी जलाया था। बता दें कि घटना सामने आने के बाद से समाज के युवा लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। सर्व आदिवासी समाज के युवा प्रभाग के अध्यक्ष योगेश नरेटी ने बताया कि, मणिपुर में महिलाओं के साथ भयावह हिंसा की घटना निंदनीय है। इस घटना पर प्रधानमंत्री की चुप्पी और निष्क्रियता ने मणिपुर को अराजकता की ओर धकेल दिया है।

दरअसल, मणिपुर में आदिवासियों पर हो रहे अत्याचार के विरोध में सर्व आदिवासी समाज ने बस्तर संभाग में बंद का आव्हान किया है। सुकमा, दोरनापाल, कोंटा, तोंगपाल में बंद का व्यापक असर देखने को मिला। आदिवासी समाज के युवा घूम-घूमकर दुकानें बंद करा रहे। सभी व्यापारिक प्रतिष्ठान पूर्ण रूप से बंद हैं। वहीं सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पुलिस तैनात किए गए हैं।