Manipur Violence

मणिपुर। पूर्वोत्तर के मणिपुर राज्य में हालात अभी तक पूरी तरह सुधरे नहीं हैं। कुकी और मैतई समुदाय के बीच पिछले दो महीने से जारी जातीय हिंसा पूरे राज्य में फैल चुकी है और हाल ही में महिलाओं के साथ हुए दुष्कर्म के वायरल वीडियो ने स्थिति और भी ज्यादा बिगाड़ दी है। मणिपुर में आंतरिक हालात अभी सुधरे नहीं हैं, इस बीच विदेशी धरती से घुसपैठ की खबरों ने चिंताएं और भी ज्यादा बढ़ा दी हैं। पिछले दो दिनों में म्यामांर बॉर्डर से 700 से अधिक लोगों को घुसपैठ की बात सामने आई है। मणिपुर के चंदेल जिले में अवैध रूप से म्यांमार में घुसपैठ हुई है, जिसके बाद राज्य सरकार ने चिंता व्यक्त की है। राज्य सरकार ने इस बारे में असम राइफल्स से डिटेल रिपोर्ट मांगी है और इतनी बड़ी संख्या में लोगों के आने की जानकारी मांगी है। मणिपुर सरकार ने पूछा है कि 22 और 23 जुलाई के बीच किस तरह 719 म्यांमार नागरिकों को भारत में प्रवेश दिया गया. पूछा गया है कि जरूरी कागजों के बिना कैसे इन लोगों को भारत में एंट्री दी गई है। मणिपुर सरकार ने जो बयान जारी किया है, उसके मुताबिक 718 लोग इस दौरान घुसे हैं इनमें 209 पुरुष, 208 महिलाएं और 301 बच्चे शामिल हैं।
राज्य सरकार ने अपने बयान में इस बात का जिक्र किया है कि मौजूदा हालात और पिछले अनुभवों को देखते हुए सरकार ने असम राइफल्स से भारत में एंट्री को लेकर सख्ती बरतने का आदेश दिया था। मौजूदा हालात में 718 नागरिकों की एंट्री को राज्य सरकार काफी सख्ती से देख रही है। सरकार ने अब असम राइफल्स से इस मामले में डिटेल रिपोर्ट मांगी है, साथ ही यह भी कहा है कि संभव हो तो इन्हें चंदेल जिले से तुरंत वापस भी भेजा जाए।
मणिपुर में अभी क्या हैं हालात?
गौरतलब है कि मणिपुर में पिछले दो महीने से हिंसा का माहौल है, 4 मई से शुरू हुई इस हिंसा में अभी तक 150 से अधिक लोगों की जान चली गई है। हजारों लोगों को अपना घर छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा है, वहीं इंटरनेट बैन समेत अन्य कई पाबंदियां भी लगी हुई हैं। हाल ही में मणिपुर का एक वीडियो सामने आया था, जिसमें महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाया गया था और उनके साथ यौन शोषण किया गया था। मणिपुर को लेकर देश की संसद में भी बवाल हो रहा है, विपक्ष लगातार मणिपुर पर प्रधानमंत्री के बयान की मांग कर रहा है. दूसरी ओर सरकार की ओर से चर्चा की बात कही जा रही है, लेकिन ये भी कहा जा रहा है कि इसपर गृह मंत्री सदन में बयान देंगे, प्रधानमंत्री पहले ही अपनी बात रख चुके हैं।

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