नई दिल्‍ली। हवाई यात्रा के लिए भारीभरकम किराया देख कर ऐसा लग रहा था कि आम आदमी कभी हवाई यात्रा कर ही नहीं कर पाएंगे और यह सपना बन कर रह जाएगा । लेकिन अब ऐसा नहीं होगा केंद्र सरकार के प्रयास से आम आदमी को हवाई सफर करने का मौका मिलेगा और उनके सपने भी पूरे होंगे। केंद्र की मोदी सरकार आम आदमी को हवाई सफर कराने के लिए एक और कदम बढ़ा रही है।अगले साल तक 100 एयरपोर्ट बनाने की योजना है। ये एयरपोर्ट देश के अलग-अलग शहरों में बनाए जा रहे हैं। इनमें से काफी एयरपोर्ट से संचालन में आ चुके हैं और कुछ पर काम चल रहा है। सरकार के इस कदम से देश में छोटे शहरों के लोग भी अपने-अपने शहरों से हवाई यात्रा का आनंद ले सकेंगे।
सरकार हर वर्ग के लोगों की सुविधा का ध्‍यान रख रही है। आम आदमी के लिए सपना से लगने वाला हवाई सफर अब हकीकत बनता जा रहा है। नागरिक उड्डयन मंत्रालय के मंत्रालय के अनुसार 2024 तक देशभर में 100 हवाई अड्डों को विकसित करने की योजना है. इनमें से 74 एयरपोर्ट का संचालन शुरू हो चुका है। इसके अलावा 21 एयरपोर्ट का चिहिन्त कर उन्‍हें विकसित करने की योजना है, जिसमें से 11 का संचालन शुरू हो चुका है और छह पर काम चल रहा है।

जिन 11 ग्रीन फील्‍ड एयरपोर्ट से संचालन हो रहा है, उनमें से उत्‍तरी गोवा का मोपा, महाराष्‍ट्र में अहमदनगर का शिरडी और सिंधुदुर्ग, कर्नाटक में कलबुर्गी का शविमोगा, उत्‍तर प्रदेश में कुशीनगर, आन्‍ध्र प्रदेश में कुरनूल, पिश्चिम बंगाल के पश्चिम वर्धमान का दुर्गापुर,सिक्किम का पाक्‍योंग, केरल में कन्‍नूर और अरुणाचल प्रदेश में ईटानगर शामिल हैं। जिन छह एयरपोर्ट का निर्माण कार्य चल रहा है, उनमें महाराष्‍ट्र के थाणे-रायगढ़ के नवी मुंबई में, कर्नाटक के विजयपुरा और हसन में, गौतमबुद्ध नगर में जेवर (नोएडा) में, गुजरात के अहमदाबाद जिले के धोलेरा और राजकोर्ट के हीरासर में एयरपोर्ट हैं।
उड़ान योजना की उड़ानों के प्रचालन के लिए राज्य सरकारों भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण, सिविल एंक्लेवों, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के अप्रचालित एवं अपरिचालित हवाई अड्डों, हेलीपोर्टों , वाटर एयरोड्रामों का पुनरूद्धार के लिए सरकार द्वारा 4500 करोड़ का बजट अनुमोदित किया गया है। देश के हवाई अड्डों, हेलीपोर्टों, वाटर एयरोड्रामों के पुनरूद्धार, विकास के लिए 30 जून तक 3367 करोड़ रुपये  की राशि का व्यय, वहन किया जा चुका है। दूसरे चरण में सरकार द्वारा आरसीए के अंतर्गत 50 हवाईअड्डों, हेलीपोर्टों, वाटर एयरोड्रामों के विकास के लिए 1000 करोड़ रुपये अनुमोदन किया गया है।

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