रायपुर : छत्तीसगढ़ में लगातार आई फ्लू का खतरा बढ़ रहा है। हर दिन अलग-अलग जिलों से नए मरीजों की संख्या में वृद्धि हो रही है। हर जिले में औसतन 25-40 मरीज सामने आ रहे हैं। आई फ्लू के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए राज्य सरकार और स्वास्थ्य विभाग भी अलर्ट है।

सबसे ज्यादा मरीज रायपुर और दुर्ग में देखने को मिल रहा है। जारी सरकारी आंकड़ों के अनुसार, दुर्ग 3776 मरीजों की पुष्टि हुई है। वहीं राजधानी रायपुर में 3,668 मरीजों की पहचान की गई है। आज मिले इतने मरीजों के बाद प्रदेश में अबतक 19 हजार मरीजों की पहचान हो चुकी है।
जानिये आई फ्लू के लक्षण
महामारी नियंत्रण संचालक ने अपने जारी किए गए पत्र में कहा है कि कंजक्टिवाइटिस के लक्षणों, उपचार और इससे बचाव के बारे में भी जानकारी दी है। उन्होंने पत्र के जरिये कहा है कि कंजक्टिवाइटिस आंख की आम बीमारी है। जिसे हम आँख आना भी कहते हैं। इस बीमारी में रोगी की आँख लाल हो जाती है, कीचड़ आता है, आँसू आते हैं, चुभन होती है तथा कभी-कभी सूजन भी आ जाती है।
जानिए आई फ्लू से बचाव
आई फ्लू (कंजक्टिवाइटिस) होने पर एंटीबायोटिक ड्रॉप जैसे जेंटामिसिन (Gentamicine), सिप्रोफ्लॉक्सिन (Ciprofloxacine), मॉक्सीफ्लॉक्सिन (Moxifloxacin) आई ड्रॉप आँखों में छह बार एक-एक बूंद तीन दिनों के लिए मरीज को देना चाहिए। तीन दिनों में आराम न आने पर किसी अन्य बीमारी की संभावना हो सकती है। ऐसे में नेत्र विशेषज्ञ के पास दिखाना उचित होता है। अन्यथा गंभीर स्थिति निर्मित हो सकती है। आई फ्लू की जाँच और उपचार के लिए चिकित्सा महाविद्यालयों, जिला चिकित्सालयों, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में निःशुल्क उपलब्ध है।
यह सावधानी बरतने की है जरूरत
आई फ्लू (कंजक्टिवाइटिस) संक्रामक बीमारी है जो सम्पर्क से फैलती है। इसलिए मरीज को अपनी आँखों को हाथ न लगाने की सलाह देनी चाहिए। रोगी से हाथ मिलाने से बचकर एवं उसकी उपयोग की चीजें अलग कर इस बीमारी के फैलाव को रोका जा सकता है। संक्रमित आँख को देखने से इस बीमारी के फैलने की धारणा केवल भ्रम है। यह बीमारी केवल सम्पर्क से ही फैलती है।