दुर्ग। जिला साहू समाज ने अब शादी में दूल्हे के जूते की चोरी और उसके बाद उसे लौटाने के एवज से पैसों की मांगने के रस्म पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया है। इसके अलावा दुल्हन के ससुराल पहुंचने पर संग छुड़ाने के एवज में भी पैसे की मांग नहीं की जा सकेगी। समाज का प्रतिनिधित्व करने वाले लोगों का कहना है कि इन सब चीजों पर बैन लगाने से सामाजिक कुरीतियों को दूर करने में मदद मिलेगी। बता दें कि, इससे पहले साहू समाज बर्थडे पर केक काटने, शादी से पहले प्री वेडिंग शूट करवाने सहित अन्य कई चीजों पर बैन लगा चुका है।

दरअसल, रविवार को जिला साहू संघ दुर्ग की वार्षिक आम सभा हुई। इसमें यह निर्णय लिया गया। जिला साहू संघ दुर्ग वर्तमान में समाज के 40 हजार से अधिक परिवारों का नेतृत्व कर रहा है। संगठनात्मक रूप में जिला साहू संघ में कुल चार तहसील है। कल समाज का वार्षिक आम सभा केलाबाड़ी दुर्ग स्थित साहू सदन में हुई। इसमें शादी में जूता छुपाना और दुल्हन व दूल्हा का संग छुड़ाने की परंपरा की आड़ में पैसा लेने व उसे लेकर होने वाले विवाद सहित समाज हित के कई मुद्दों पर चर्चा हुई।

इस कारण रस्म पर लगाया बैन
दुर्ग जिला साहू संघ के अध्यक्ष नंदलाल साहू ने कहा कि अक्सर विवाह में दूल्हा का जूता चोरी की परंपरा रही है। दुल्हन पक्ष के लोगों की ओर से यह किया जाता है, लेकिन वर्तमान में यह देखने आ रहा है कि इसकी आड़ में दबाव पूर्वक पैसों की मांग की जाने लगी है। मना करने अथवा कम पैसे देने पर मनमुटाव हो जाता है। इसी तरह दुल्हन जब विदा होकर ससुराल पहुंचती है तो वहां संग छुड़ाने के एवज में दुल्हन के साथ गए लोग ही रकम मांगने लगते हैं। हम किसी परंपरा का विरोध नहीं कर रहे, केवल उसे स्वच्छ बनाने की बात कह रहे हैं।
नंदलाल ने कहा कि आज के निर्णय से पूरे समाज को अवगत करा दिया गया है। सभी को जागरूक किया जाएगा कि इसका पालन करें। साहू समाज जागरूक समाज है। जिला अध्यक्ष ने स्वागत भाषण और वार्षिक प्रतिवेदन प्रस्तुत किया तथा आने वाले वर्ष में होने वाले कार्यक्रम की रूपरेखा विस्तार से बताई। बीते वर्ष शिक्षा व स्वरोजगार के संबंध में दिए गए प्रशिक्षण, विगत वर्ष के आय-व्यय व आडिट रिपोर्ट आदि पर भी चर्चा की गई है। मंत्री ताम्रध्वज साहू ने सामाजिक दान पर जोर देते हुए समाज की नियमावाली पर अमल कर एकरूपता पर जोर दिया। वहीं जागेश्वर साहू ने नशामुक्ति के लिए समाज में अभियान चलाने के लिए कहा।