नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुटी विपक्षी पार्टियों ने गठन का नाम इंडिया रख लिया है। विपक्षी पार्टियों द्वारा गठबंधन का नाम इंडिया रखने के बाद इंडिया शब्द के उपयोग को लेकर एक व्यवसायी गिरीश भारद्वाज ने आपत्ति दर्ज करते हुए अदालत का दरवाजा खटखटाया है। इस मामले की सुनवाई आज होने वाली है। दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति संजीव नरूला की पीठ के समक्ष आज जनहित याचिका की सुनवाई होगी। याचिकाकर्ता ने कहा है कि आज तक भारत के चुनाव आयोग ने प्रतिवादी राजनीतिक दलों को उनके राजनीतिक गठबंधन के लिए संक्षिप्त नाम I.N.D.I.A का उपयोग करने से रोकने के लिए कोई कार्रवाई नहीं की है। इस मामले में आवश्यक कार्रवाई के लिए ईसीआई और केंद्र को निर्देश देने की मांग कर रहेे याचिकाकर्ता ने कहा है कि इस संक्षिप्त नाम का इस्तेमाल 2024 में आम चुनावों में अनुचित लाभ लेने के लिए किया गया है। या‍चिकाकर्ता का कहना है कि …संक्षिप्त नाम I.N.D.I.A का उपयोग राजनीतिक नफरत हो सकती है और यह हिंसा को भी जन्म दे सकता है। भारद्वाज ने कहा है कि राष्ट्रीय प्रतीक का अनिवार्य हिस्सा होने के कारण इसका उपयोग किसी भी व्यावसायिक उद्देश्य और राजनीतिक उद्देश्य के लिए नहीं किया जा सकता है। याचिका में कहा गया कि इन राजनीतिक दलों के कृत्य से 2024 के आम चुनाव के दौरान शांतिपूर्ण, पारदर्शी और निष्पक्ष मतदान पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। इसे देश की कानून व्यवस्था भी प्रभावित हो सकती है। याचिकाकर्ता ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बयानों का भी जिक्र किया है और कहा है कि उन्होंने अपने गठबंधन के नाम को हमारे देश के नाम के रूप में पेश किया है और यह दिखाने की कोशिश की है कि एनडीए/बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हमारे ही देश से टकराव है।

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