नई दिल्‍ली। कांग्रेस नेता व केरल के वायनाड संसदीय क्षेत्र से पार्टी के सांसद राहुल गांधी की संसदीय सदस्यता दोबारा बहाल होने के बाद वे सोमवार को संसद भवन पहुंचे। राहुल गांधी की 137 दिन के बाद संसद भवन में वापसी हुई है। मोदी सरनेम मामले में अदालती आदेश के बाद 23 मार्च को उनकी लोकसभा की सदस्‍यता रद्द कर दी गई थी।

दरअसल, अप्रैल 2024 में देश में लोकसभा चुनाव होने हैं। इससे करीब एक साल पहले मोदी सरनेम मानहानि मामले में सूरत जिला अदालत के आदेश के तुरंत बाद लोकसभा सचिवालय ने राहुल गांधी की संसद सदस्‍यता को रद्द कर दिया था। अब 138 दिन बाद लोकसभा सचिवालय की तरफ से सोमवार सुबह यह बताया गया कि राहुल गांधी की सदस्‍यता को फिर से बहाल कर दिया गया है। लोकसभा सचिवालय की तरफ से कुछ दिनों पहले ही कहा गया था कि राहुल गांधी की सदस्यता को सुप्रीम कोर्ट के आदेश की प्रमाणित प्रति को पढ़ने के बाद ही बहाल किया जाएगा। आदेश की प्रति मिलने के बाद आज सुबह बिना देरी करे कांग्रेस के वरिष्‍ठ नेता की सदस्‍यता को बहाल कर दिया गया। सुप्रीम कोर्ट की ओर से राहुल गांधी की दोषसिद्धि पर रोक लगाने के बाद ऐसा संभव हो सका है।

सबसे पहले सूरत की जिला अदालत ने मोदी सरनेम मानहानि मामले में राहुल गांधी को दोषी ठहराते हुए उन्‍हें दो साल की सजा सुनाई थी। यह सजा गुजरात से भाजपा विधायक पुर्णेश मोदी की याचिका पर सुनाई गई थी। मानहानि की धाराओं के तहत अधिकतम दो साल की सजा का प्रावधान है। इस मामले में राहुल को अधिकतम सजा ही दी गई थी। पेश मामले में गुजरात हाई कोर्ट से भी राहुल गांधी को राहत नहीं मिली थी, जिसके चलते उन्‍होंने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। संसद के नियमों के तहत किसी भी सासंद को अगर दो साल या इससे अधिक सजा होती है तो उनकी सदस्‍यता को रद्द कर दिया जाता है। सुप्रीम कोर्ट ने यह कहते हुए राहुल गांधी की दोषसिद्धि पर रोक लगा दी थी कि अगर उनकी सजा एक दिन भी कम 9 होती तो वो संसद से अयोग्य करार नहीं दिए जाते।