नई दिल्ली। भारत के खिलाफ अब तक के सभी साजिशों में नाकाम रहे चीन लोकतंत्र के चौथे स्तंभ को अपना निशाना बना रहा है। पत्रकारों को मोटी रकम देकर भारतीय लोकतंत्र को बड़ा नुकसान पहुंचाने का प्रयास मेें जुटा हुआ है । ED के सूत्रों ने बताया कि भारत में कई पत्रकारों को कथित तौर पर चीन से धन मिला है। यह खुलासा न्यूजक्लिक स्टूडियो से जुड़े एक PMLA मामले की जांच में हुआ है। हालांकि, अभी तक ED ने इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है। सूत्रों के अनुसार, 3 साल की अवधि में 38.05 करोड़ रुपए की कथित धोखाधड़ी वाली विदेशी निधि के लिए PPK न्यूजक्लिक स्टूडियो में PMLA के तहत एक जांच की गई थी। प्राप्त धनराशि कथित तौर पर कई पत्रकारों को वितरित की गई थी।
न्यूजक्लिक’ सुर्खियों में
ED ‘न्यूजक्लिक’ पोर्टल संचालित करने वाली एक कंपनी में जालसाजी के जरिये 86 करोड़ रुपए से अधिक की विदेशी राशि के वित्तपोषण की धन शोधन के तहत जांच कर रहा है। इस मामले में जल्द ही आरोपपत्र दाखिल किए जाने की उम्मीद है। ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ की एक रिपोर्ट के बाद ‘न्यूजक्लिक’ फिर से सुर्खियों में है, जिसमें दावा किया गया है कि समाचार पोर्टल वैश्विक नेटवर्क का हिस्सा है जिसे अमेरिकी करोड़पति नेविली रॉय सिंघम से धन प्राप्त होता है। सिंघम का चीन सरकार के मीडिया प्रभाग से कथित तौर पर करीबी संबंध है। सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने रिपोर्ट का हवाला देते हुए सोमवार को कहा कि भारत 2021 से दुनिया को बता रहा है कि न्यूजक्लिक ‘‘चीनी दुष्प्रचार” का एक खतरनाक वैश्विक नेटवर्क है जो फर्जी खबरें फैला रहा है। समाचार पोर्टल और इसके संस्थापक व प्रधान संपादक प्रबीर पुरकायस्थ सहित इसके प्रवर्तकों पर सितंबर 2021 में ईडी ने छापा मारा था।
न्यूज़ क्लिक को हुई फंडिंग
ईडी की जांच के अनुसार, मार्च 2018 से 2021 में एजेंसी द्वारा तलाशी तक कंपनी ने जस्टिस एंड एजुकेशन फंड इंक. अमेरिका, द ट्राइकॉन्टिनेंटल लिमिटेड इंक. अमेरिका, जीएसपीएएन एलएलसी अमेरिका और सेंट्रो पॉपुलर डी मिडास, ब्राजील से क्रमश: 76.84 करोड़ रुपए, 1.61 करोड़ रुपए, 26.98 लाख रुपए और 2.03 लाख रुपए के विदेशी धन प्राप्त करने का दावा किया है। इसके अतिरिक्त, ब्राज़ील स्थित एक फर्म, सेंट्रो पॉपुलर डेमिडास ने भी न्यूज़ क्लिक को पैसे भेजे। न्यूज़ क्लिक ने ईडी जांच को काल्पनिक खाता कहा है।
ईडी ने ‘न्यूजक्लिक की मालिक कंपनी के एक शेयरधारक का बयान दर्ज किया है, जिसने कहा था कि सिंघम जस्टिस एंड एजुकेशन फंड, अमेरिका और जीएसपीएएन एलएलसी, यूएसए से प्राप्त धन के मालिक थे। एजेंसी ने दावा किया कि पीपीके न्यूजक्लिक स्टूडियो प्राइवेट लिमिटेड के वित्तपोषण पैटर्न की जांच से पता चलता है कि इसे सिंघम के कहने पर राष्ट्र-विरोधी समाचार अपलोड करने के लिए बनाया गया क्योंकि उसने एफडीआई और अन्य माध्यम से सभी निवेश किए थे। यह भी आरोप लगाया गया कि निवेशकपोर्टल पर समाचार की सामग्री को प्रभावित कर रहा था, इसलिए यह पेड न्यूज का मामला था।

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