नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने आज पोर्टल ‘सुस्वागतम’ शुरू करने की घोषणा की जिससे वकील, अदालत आने वाले लोग, प्रशिक्षु और अन्य लोग ऑनलाइन पंजीकरण करा सकेंगे और शीर्ष न्यायालय में प्रवेश करने के लिए ई-पास ले सकेंगे। भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय पीठ ने जैसे ही संविधान के अनुच्छेद 370 के कुछ प्रावधानों को रद्द किए जाने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई शुरू की तभी न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने इस ऑनलाइन सुविधा की घोषणा की।

न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा कि सुस्वागतम’ वेब आधारित और मोबाइल अनुकूल ऐप है जिससे उपयोगकर्ता ऑनलाइन पंजीकरण करा सकते हैं और अदालत की सुनवाई में भाग लेने, वकीलों से मिलने जैसे विभिन्न उद्देश्यों के लिए ई-पास का आवेदन कर सकते हैं। सीजेआई ने कहा कि सुस्वागतम’ पोर्टल का 25 जुलाई 2023 से प्रायोगिक आधार पर परीक्षण किया गया और इस पर उपयोगकर्ताओं से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली। उन्होंने बताया कि नौ अगस्त तक इस पोर्टल के जरिए प्रायोगिक आधार पर 10,000 से अधिक ई-पास जारी किए गए।

न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा, ‘‘आपको सुबह कतार में इंतजार करने की जरूरत नहीं है। सभी पास ऑनलाइन दिए जाते हैं। यह सुविधा आज सुबह से उपलब्ध हो गयी है। अदालत कक्ष में मौजूद सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ को बताया कि उच्चतम न्यायालय के काउंटर पर प्रवेश पास पाने के लिए सुबह लंबी कतार हुआ करती थी। सीजेआई ने कहा कि वेबसाइट पर एक वीडियो भी उपलब्ध है जिसमें बताया गया है कि इस ऐप का इस्तेमाल कैसे करना है।