रामानुजगंज। मजदूरी करवाने के नाम पर कर्नाटक के बेंगलुरु में बंधक बनाए गए छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले के 9 मजदूरों को पुलिस ने बरामद कर लिया है। विधायक बृहस्पत सिंह की पहल पर पुलिस अधीक्षक डॉ लाल उमेद सिंह की गठित पुलिस टीम ने इन श्रमिकों को वापस लाया। इसके बाद परेशान स्वजनों ने राहत की सांस ली।द वहीं वापस आए सभी मजदूरों ने विधायक बृहस्पत सिंह और पुलिस का धन्यवाद किया।

मिली जानकारी के अनुसार, ग्राम नवापारा के देव कुमार राम, दीनू राम, मनोज राम, कुलदीप कुमार, आशुतोष प्रसाद, टूलू राम, अर्जुन राम, लक्ष्मण राम और बृहस्पति राम समेत 15 मजदूर ठेकेदार शमशाद अंसारी ग्राम सन्तुवा थाना चैनपुर झारखंड की ओर से कर्नाटक के बंगलुरु यशवंतपुर 29 जून को काम करने भेजा गया था। यहां उनसे 24 घंटे काम कराए जा रहा था। खाना—पीना भी ढंग से नहीं दिया जाता था और विरोध करने पर मारपीट भी की जाती थी। परेशान होकर 15 मजदूरों में से 6 मजदूर किसी प्रकार वहां से भाग गए। वहीं 9 मजदूर बंधक बन काम कर रहे थे। मजदूरों ने इसकी सूचना अपने परिजनों को दी तो परिजन विधायक बृहस्पत सिंह के पास आकर इसकी जानकारी दी। विधायक ने पुलिस अधीक्षक को मजदूरों के फंसे होने की जानकारी दी। इसके बाद पुलिस अधीक्षक ने तत्काल पुलिस टीम गठित कर वहां के लिए रवाना किया। पुलिस ने इन मजदूरों को वहां से बरामद कर सड़क मार्ग से सकुशल वापस लाया।

किसी प्रकार एक मजदूर ने विधायक बृहस्पत सिंह से बात कर वहां की स्थिति के बारे में बताया गया। विधायक ने उन्हें लाइव लोकेशन भेजने को कहा। मजदूर लाइव लोकेशन कैसे भेजते हैं वह नहीं जानता था, जिसके बाद विधायक ने ही लाइव लोकेशन भेजना बताया गया। फिर उसने विधायक को लाइव लोकेशन भेजा, जिससे पुलिस को बड़ी मदद हुई। छत्तीसगढ़ से गई पुलिस टीम ने सदाशिवनगर थाना बंगलुरु में जाकर संपर्क किया। उन्हें पुलिस की सहायता मिली। स्थानीय लेबर इंस्पेक्टर के सहयोग से सभी मजदूरों को छुड़ाने में सफलता मिली। बंधक मजदूरों ने बताया कि जब बंगलुरु के लेबर इंस्पेक्टर, वहां की पुलिस और छत्तीसगढ़ के पुलिस फैक्ट्री पहुंची तो हल्का मच गया और इसकी जानकारी वहां के संचालक को मिली। इसके बाद वह हेलीकॉप्टर से वहां पहुंचा और श्रमिकों को समझाइश देते हुए तीन सौ रुपए प्रति दिन के हिसाब से भुगतान किया गया।