रायपुर : नव नियुक्त शिक्षक स्टाइपेंड प्रथा को खत्म करने के लिए लगातार लामबंद हो रहे हैं। अलग-अलग स्तर पर विरोध जताने, ज्ञापन सौंपने और ट्वीटर अभियान के जरिये सरकार तक अपनी मांगों को पहुंचाने के बाद भी बात नहीं बनती देख, अब छत्तीसगढ़ प्रदेश नियमित सर्वशिक्षक फेडरेशन ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मुलाकात की है। प्रदेश अध्यक्ष सुशांत शेखर धराई के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ प्रदेश नियमित सर्वशिक्षक फेडरेशन के एक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री से मुलाकात की।

इस दौरान प्रदेश अध्यक्ष सुशांत शेखर ने मुख्यमंत्री से स्टाइपेंड नियम की वजह से हर महीने शिक्षकों को हो रहे नुकसान को लेकर चर्चा की। सुशांत ने मुख्यमंत्री के अनुरोध किया कि वो कर्मचारी हित में स्टाइपेंड नियम को वापस लें और परिवीक्षा अवधि को कम करने के साथ-साथ स्टाईपेंड के तहत की गयी गयी कटौती का एरियर्स भुगतान करें। मुख्यमंत्री ने इस संदर्भ में अधिकारियों से चर्चा कर उचित निर्णय लेने की बात कही है।

फेडरेशन ने इस दौरान मुख्यमंत्री को 14580 एवं 12489 शिक्षक भर्ती के लिए धन्यवाद भी ज्ञापित किया। साथ ही बाकी बचे पदों पर जल्द ही भर्ती की मांग की। इस अवसर पर फेडरेशन के अध्यक्ष सुशांत शेखर धराई , वरिष्ठ कार्यकारी अध्यक्ष अनिरुद्ध साहू , परवेज़ अली एवं छत्तीसगढ़ प्रशिक्षित डीएड एवं बीएड संघ के अध्यक्ष दाऊद खान उपस्थित रहे । मुख्यमंत्री द्वारा स्टाइपेंड के सबंध में विचार कर आवश्यक निर्णय लेने का आश्वाशन मिला है।

आपको बता दें कि पिछले दिनों प्रदेश के नव नियुक्त शिक्षकों ने ट्विटर अभियान चलाया था। इस दौरान प्रदेश भर से करीब 35 हजार से ज्यादा शिक्षकों ने ट्वीट कर परिवीक्षा अवधि कम करने और स्टाईपेंड नियम को खत्म करने की मांग के साथ-साथ कटौती की गयी राशि के एरियर्स की मांग की गयी थी। प्रदेश अध्यक्ष सुशांत धराई ने बताया कि मुख्यमंत्री से हमने अनुरोध किया है कि 15 अगस्त को मुख्यमंत्री इस संदर्भ में ऐलान कर स्वतंत्रता दिवस का तोहफा दें।