भिलाई। छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में स्थित भिलाई के मैत्री बाग जू में बघिन के तीन नन्हें शावकों का नामकरण किया गया है। व्हाइट टाइगर के कुनबे में आए नए मेहमान दो नर और एक मादा शावक का नाम रुस्तम, राणा और बाबी रखा गया है। एक कार्यक्रम में आम जनता के लिए इन्‍हें खोला गया। नन्हे शावकों ने पहली बार खुले में स्वयं को पाकर आनंद से खूब उछलकूद करते हुए पर्यटकों का मनोरंजन किया। इन शावकों के पिता का नाम सुल्तान है।

उल्लेखनीय है कि, मैत्री बाग में 28 अप्रैल 2023 को व्हाइट टाइगर के दो नर और एक मादा शावक का जन्म हुआ था। शावकों की मां रक्षा ने पिछले 3.5 माह से बच्चों का लालन-पालन पूरी ममता के साथ किया। मैत्री बाग प्रबंधन की ओर से लगातार नन्हें शावकों और मां को पौष्टिक आहार के साथ-साथ विभिन्न प्रकार के विटामिन भोजन दिया गया। मैत्री बाग के प्रभारी डा. नवीन जैन ने बताया कि जू अथारिटी आफ इंडिया के मार्गदर्शन अनुसार ही नन्हें शावकों और मां की देखभाल की गई। पूर्व नियोजित कार्यक्रम के अनुसार, आजादी के 77वीं वर्षगांठ पर नन्हें शावकों का नाम रुस्तम, राणा और बाबी रखा गया है।

200 लोगों ने सुझाए थे नाम
मैत्री बाग प्रबंधन को अलग-अलग माध्यम से 200 लोगों ने इन नन्हें शवकों के नाम बतौर सुझाव भेजे थे। इन नामों को मैत्री बाग प्रबंधन के अफसरों कर्मचारियों के पास लोगों ने सीधे भेजा था। इसके लिए कोई वॉट्सऐप ग्रुप या मेल पर नाम नहीं मांगे गए थे। भिलाई इस्पात संयंत्र प्रबंधन की ओर से प्रतिवर्ष फ्लावर शो कराया जाता है। इनमें से अधिकांश लोग उसमें आया करते हैं। उनकी ओर से ही अधिकांश नाम भेजे गए हैं।

व्हाइट टाइगरों की संख्या हुई 9
भारत के व्हाइट टाइगर में से लगभग आधे भिलाई के ही मैत्री बाग की देन है। देश के अधिकतर जू में सुल्तान और रोमा सहित रक्षा के वंशज हैं। इस तरह मैत्री गार्डन में अब कुल सफेद शेरों की संख्या 9 हो चुकी है। साल 1972 में सोवियत रूस और भारत की मैत्री के प्रतीक के रूप में मैत्री बाग शुरू किया गया था।