कांग्रेस रंगी हिंदुत्व के रंग में, कमलनाथ ने 'हनुमान भक्त' तो भूपेश बघेल ने भगवन राम को छत्तीसगढ़ का भांजा बताया

नेशनल डेस्क। देश्भर में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर प्रत्येक राज्य के राजनितिक दल नए-नए पैंतरे आजमा रहे हैं। मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान के विधानसभा चुनाव अगले वर्ष होने वाले वाली है। इन तीन राज्यों से बहने वाली चुनावी हवा में हिंदुत्व की तेज महक आ रही है। सिर्फ भारतीय जनता पार्टी ने ही नहीं बल्कि कांग्रेस ने भी अब उसके और बीजेपी के हिंदुत्व मुद्दे को अपने चुनावी प्रचार में जमकर इस्तेमाल कर रही हैं। कांग्रेस खुलकर हिंदुत्व के रंग में रंग गई है और बीजेपी को इसी हिंदुत्व की पिच पर टक्कर दे रही है।

मध्य प्रदेश में कमलनाथ ने खुद को ‘हनुमान भक्त’ बताकर हिंदुत्व की चुनावी सुनहरी धूप में और चमका लिया है। वही छत्तीसगढ़ के मुखिया भूपेश बघेल ने बीजेपी के रामलला की काट तलाशते हुए ‘भांजे राम’ की उंगलियां पकड़ ली हैं। हिंदुत्व की बिसात पर राजस्थान के अशोक गहलोत तो नए ककहरे गढ़ने की प्रक्रिया में जुट गए हैं। जिस भूमि पर कृष्ण भक्त मीरा का जन्म हुआ वहीं चुनावी समर में गहलोत अपने आराध्य गोविंद की शरण में हैं।

छत्तीसगढ़ के भांजे भगवान राम

छत्तीसगढ़ में इस साल के आखिर में वहां भी राजनीतिक दल चुनावी नूरा-कुश्ती में उलझने वाले हैं। फिलहाल सत्ता में कांग्रेस है और मुख्यमंत्री हैं भूपेश बघेल हैं। भूपेश बघेल ने ही कांग्रेस को, राम को राम से जीतने की रणनीति सुझाई है थी। बीजेपी के रामलला को टक्कर देने के लिए भूपेश बघेल भगवान राम को छत्तीसगढ़ का भांजा और माता कौशिल्या की जन्मभूमि बता रहे हैं। बीजेपी अपने हिंदुत्व को धार देने के लिए अयोध्या में भव्य राम मंदिर बना रही है तो जवाब में भूपेश बघेल राम वन गमन पथन और माता कौशिल्या का मंदिर तैयार कर रहे हैं।

कौशल्या उत्सव हो या रामायण उत्सव, राम वन गमन पथ हो या राम से जुड़े मंदिरों का जीर्णोद्धार, खुद को भगवान राम से जोड़ने के लिए बघेल की सरकार करोड़ों खर्च करने से हाथ पीछे नहीं हट रही हैं । राज्य भर में भगवान राम की 7 विशाल प्रतिमाएं स्थापित की जा रही हैं। इनमें से एक की ऊंचाई 51 फीट तक है।

गहलोत के प्रभु गोविन्द गोपाल

कांग्रेस के इस हिंदुत्व में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी पीछे नहीं है। भक्तिकाल की मीरा बाई इसी राजस्थान की धरा पर जन्मीं थीं और उनकी कृष्ण भक्ति तो संसार भर में फैली। राजस्थान की सत्ता में काबिज अशोक गहलोत के आराध्य भी भगवान गोविंद ही हैं। ऐसे में वो हर वो काम कर रहे हैं, जिसका नाता धर्म या कहें हिंदू धर्म से जुड़ा रहा है। गहलोत ने कृष्ण बोर्ड का गठन करने से पहले अपनी गोविंद भक्ति की इच्छा जनता के सामने जाहिर की है। गहलोत ने कहा कि वो चाहते हैं कि काशी के विश्वनाथ और उज्जैन के महाकाल लोक की तरह जयपुर में भगवन कृष्ण का भव्य मंदिर निर्माण हो। उन्होंने इस सपने को अमली जामा पहनाने के लिए प्रशासनिक कदम भी आगे बढ़ा दिए हैं। इसके अलावा गहलोत हिंदू संस्कृति को जगाने-बढ़ाने के लिए संस्कृति महाविद्यालय और वेद विद्यालय का गठन भी कर रहे हैं।

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