सूरत। सूरत के डायमंड अस्पताल में एक ही दिन में 31 डिलीवरी का रिकॉर्ड बन गया है। 24 घंटे में 17 बेटियों और 14 बेटों के जन्म लेने से अस्पताल का माहौल बच्चों की किलकारियों से गूंज उठा। फिलहाल 31 लड़के-लड़कियों के जन्म से अस्पताल स्टाफ और दम्पति खुशियां मना रहे हैं। इसके साथ जन्मे सभी बच्चे स्वस्थ हैं।

लैंगिक समानता और स्वास्थ्य को बढ़ावा देने की अपनी प्रतिबद्धता के लिए प्रसिद्ध डायमंड हॉस्पिटल ने अपनी अनूठी पहल के लिए प्रसिद्धि प्राप्त की है। दरअसल, अस्पताल बेटी के जन्म पर माता-पिता से एक भी रुपया चार्ज करने से परहेज करके अपनी उदारता बढ़ाता है, जिससे पारंपरिक धारणाओं को चुनौती दी जाती है और समावेशिता की भावना को बढ़ावा मिलता है। इसके अलावा, अस्पताल का कहना है कि मातृ औश्र शिशु कल्याण के प्रति उसका दृढ़ समर्पण अटूट है। सामान्य डिलीवरी की लागत 1,800 रुपए हैं, जबकि सिजेरियन डिलीवरी की कीमत 5,000 रुपए है। इससे सभी के लिए गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य देखभाल तक पहुंच संभव हो जाती है।

अस्पताल के एक अधिकारी ने कहा कि, डायमंड हॉस्पिटल के मिशन का एक निर्णायक पहलू लिंग पूर्वाग्रह के मुद्दे को सीधे संबोधित करने के दृढ़ संकल्प में निहित है। प्रत्येक जोड़े को एक से अधिक बेटियों के लिए अस्पताल प्रत्येक बेटी को 1 लाख रुपए का बांड प्रदान करता है, जो समान अवसरों के भविष्य के प्रति प्रतिबद्धता दर्शाता है। 2,000 बेटियों को पहले ही 20 करोड़ रुपए के चौंका देने वाले बांड दिए जा चुके हैं, जिससे एक अधिक न्यायसंगत समाज बनाने की दिशा में अस्पताल की प्रतिज्ञा और मजबूत हुई है।

डायमंड अस्पताल के ट्रस्टी दिनेश नावदिया ने इस महत्वपूर्ण दिन पर अस्पताल में छाए खुशी के माहौल पर प्रसन्नता व्यक्त की। अस्पताल प्रबंधन ने कहा कि इन 31 शिशुओं का जन्म और सभी स्वस्थ अस्पताल की मेडिकल टीम के समर्पण और कड़ी मेहनत का प्रमाण है।अस्पताल के एक अधिकारी ने कहा कि आज दुनिया को गौरवान्वित करने वाले 31 नवजात शिशुओं में से 17 बेटियां और 14 बेटे हैं, जो सराहनीय लिंग अनुपात को रेखांकित करता है जो ‘बेटी बचाओ’ (बेटी बचाओ) अभियान के साथ सहजता से मेल खाता है।