SHIVRAJ SINGH

भोपाल। छत्तीसगढ़ की तरह मध्यप्रदेश में भी इस साल में अंत में होने वाले मध्य प्रदेश चुनाव को लेकर सियासी पारा चढ़ा हुआ है। इसी बीच अब सीएम शिवराज कैबिनेट में नए मंत्रियों को भी जगह देने की चर्चा है।

इन नामों पर बन रही सहमति

चुनावी साल में मध्य प्रदेश की शिवराज कैबिनेट का जल्द विस्तार किया जा सकता है। फिलहाल, खाली पदों के हिसाब से चार मंत्री बनाए जाने हैं। प्रीतम लोधी, राहुल लोधी या जालम सिंह के नाम पर भी सहमति बन सकती है। बता दें कि मौजूदा शिवराज कैबिनेट में मुख्यमंत्री सहित 30 मंत्री हैं, लेकिन विधानसभा के लिहाज से अधिकतम 35 मंत्री बन सकते हैं। जबकि अभी चार पद रिक्त हैं।

CM ने राज्यपाल से की मुलाकात

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अचानक राज्यपाल मंगू भाई पटेल से मुलाकात करने पहुंचे। इस मुलाकात को मंत्रिमंडल विस्तार से जोड़कर देखा जा रहा है। मुलाकात के बाद ही सोशल मीडिया पर मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर विधायकों के नाम भी वायरल होने लग गए। एक नेता ने कहा कि बीजेपी के चार विधायकों को कैबिनेट में जगह मिलेगी। मध्य प्रदेश में नवंबर-दिसंबर में चुनाव होने हैं और अक्टूबर के मध्य तक मॉडल कोड लागू होने की संभावना है।

बीजेपी नेता ने कहा कि बालाघाट से पूर्व मंत्री गौरीशंकर बिसेन और रीवा से राजेंद्र शुक्ला का नाम फाइनल हो गया है। केंद्रीय संस्कृति और खान मंत्री प्रह्लाद पटेल के भाई जालम पटेल नरसिंहपुर से विधायक और एमपी की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती के भतीजे राहुल लोधी, खरगापुर, टीकमगढ़ से अन्य दो लोगों के शामिल होने की संभावना है।

‘धाकड़ समुदाय’ को खुश करने की जुगत

बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘धाकड़ समुदाय’ को खुश करने के लिए जालम पटेल को शामिल किया जा रहा है। जो विशेष रूप से बुंदेलखंड, बघेलखंड और विंध्य क्षेत्रों में एक प्रभावशाली समुदाय है।’ इसके अलावा सीधी से कांग्रेस विधायक कमलेश्वर पटेल को कांग्रेस वर्किंग कमेटी में जगह मिलने के बाद बीजेपी पटेल समुदाय में कांग्रेस की पहुंच का मुकाबला करना चाहती है।

नेता ने कहा कि पार्टी राहुल लोधी को शामिल करके पिछड़े लोधी समुदाय को लुभाने की कोशिश कर रही है। जो मध्य प्रदेश में लगभग 9% हैं और 65 विधानसभा सीटों पर राजनीतिक पकड़ रखते हैं। नेता ने यह भी बताया कि उमा भारती के भतीजे लोधी को शामिल करके पार्टी भारती के साथ मतभेदों की अटकलों को खत्म करना चाहती है। इससे पहले रविवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बीजेपी के नेतृत्व वाली राज्य सरकार के 20 साल के रिपोर्ट कार्ड को जारी करते हुए उमा भारती का नाम लिया। जो उन्हें शांत करने की पार्टी की कोशिश का संकेत देता है।

इस बीच इन चार नामों के खुलासे के बाद कुछ नेताओं ने एक आदिवासी विधायक को कैबिनेट में शामिल करने की बात कही है। मालवा क्षेत्र के एक बीजेपी नेता ने कहा, ‘आदिवासी मुख्य फोकस है इसलिए हमने वरिष्ठ बीजेपी नेताओं से एक आदिवासी विधायक को शामिल करने का अनुरोध किया।’ एक वरिष्ठ भाजपा नेता ने कहा, ‘यह कैबिनेट विस्तार मुख्य रूप से क्षेत्रवार मतदाताओं को लुभाने के लिए है और इसीलिए विभिन्न क्षेत्रों के नेताओं का चयन किया गया है। राजेंद्र शुक्ल वरिष्ठ विधायक हैं और विंध्य क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं। विंध्य से किसी नेता को कैबिनेट में शामिल करने की मांग लंबे समय से उठ रही थी। इसी तरह बिसेन, पटेल और लोधी का चुनाव किया गया है।

शिवराज कैबिनेट पर एक नजर

मौजूदा शिवराज कैबिनेट में अन्य पिछड़ा वर्ग से 10, सामान्य वर्ग से 13, अनुसूचित जनजाति से चार और अनुसूचित जाति से चार मंत्री हैं। कैबिनेट विस्तार पर प्रतिक्रिया देते हुए बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने कहा, ‘कैबिनेट विस्तार हमारे माननीय मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है। वह इस पर कभी भी फैसला ले सकते हैं। अगर कोई निर्णय लिया जा रहा है तो वह जल्द ही सामने आएगा।

नेताओं के साथ वोटरों को भी लुभाने की कोशिश

हालांकि, कांग्रेस ने चुटकी लेते हुए कहा कि बीजेपी उनके नेताओं के साथ-साथ वोटरों को भी लुभाने की कोशिश कर रही है। एमपी कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता स्वदेश शर्मा ने कहा, ‘बीजेपी विधायक को केवल डेढ़ महीने के लिए मंत्री पद देना पूरी तरह से एक मजाक है। इससे पता चलता है कि बीजेपी अंदरूनी कलह का सामना कर रही है और कैबिनेट में जगह देकर नेताओं को शांत करने की कोशिश कर रही है।