मुंबई। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ‘ऑर्गेनाइजड क्राइम एंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट’ (OCCRP) द्वारा अडाणी समूह के खिलाफ लगाए गए आरोपों को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधा और कहा कि इस मामले में संयुक्त संसदीय समिति (JPC) का गठन कर गहन जांच कराई जानी चाहिए।

उन्होंने यहां संवाददाताओं से बातचीत में यह भी कहा कि ‘जी20’ की बैठक से पहले यह मामला सामने आया है और यह देश की प्रतिष्ठा से जुड़ा हुआ विषय है। राहुल गांधी ने कहा कि स्पष्ट होना चाहिए कि ‘देश से बाहर भेजा गया एक अरब डॉलर’ किसका पैसा है?

उन्होंने यह सवाल भी किया कि केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) और प्रवर्तन निदेशालय (ED) जैसी एजेंसियां उद्योगपति गौतम अडाणी की जांच और उनसे पूछताछ क्यों नहीं कर रही हैं?

राहुल गांधी ने कहा, ‘‘मौजूदा माहौल जी 20 का है। यह दुनिया में भारत की स्थिति को लेकर है। भारत जैसे देश के लिए बहुत जरूरी है कि हमारे आर्थिक माहौल में पारदर्शिता और व्यापार में समान अवसर हों। दो प्रमुख वैश्विक अखबारों ने महत्वपूर्ण सवाल उठाए हैं…।’’

उन्होंने कहा, ‘‘यह एक सज्जन (गौतम अडाणी) जो भारत के प्रधानमंत्री के करीबी हैं, उन्हें अपनी कंपनी के शेयर की कीमत बढ़ाने के लिए एक अरब डॉलर स्थानांतरित करने और उस पैसे का भारतीय संपत्तियों पर कब्जा करने के लिए उपयोग करने की क्यों अनुमति दी गई है? उन्हें मुफ्त यात्रा क्यों करने दी जा रही है?’’ राहुल गांधी ने सवाल किया, ‘‘ये पैसा किसका है? ये अडाणी जी का पैसा है या किसी और का पैसा है? अगर किसी और का है तो किसका है?’’

उन्होंने दावा किया, ‘‘इस पूरे काम में मास्टरमाइंड विनोद अडाणी है जो गौतम अडाणी के भाई हैं। इसमें दो और लोग नासिर अली, शाबान अली और चीनी नागरिक चैंग-चुंग लिंग शामिल हैं। अडाणी जी, जब देश के अवसंरचना क्षेत्र में खरीद कर रहे हैं, बंदरगाह और रक्षा में काम करते हैं तो इन सब में चीनी नागरिक चैंग-चुंग लिंग कैसे शामिल है? ये राष्ट्रीय सुरक्षा का सवाल है।’’ उन्होंने दावा किया कि सेबी की जांच में अडाणी समूह को क्लीनचिट दे दी गई और ऐसा करने वाले व्यक्ति फिर अडाणी समूह के ही कर्मचारी बन गए।

राहुल गांधी ने कहा, ‘‘अब सवाल है क‍ि इसके बारे में प्रधानमंत्री चुप क्‍यों हैं? कुछ करते क्‍यों नहीं? सीबीआई, ईडी जैसी एजेंसियां अडाणी जी की जांच क्यों नहीं कर रही हैं?’’ उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री को खुद को पाक-साफ साबित करना चाहिए। JPC गठित होनी चाहिए।’’

कांग्रेस नेता ने सवाल किया कि आखिर प्रधानमंत्री मोदी अडाणी समूह के खिलाफ लगे आरोपों की जांच क्यों नहीं होने दे रहे हैं?

गौरतलब है कि OCCRP ने अडाणी समूह पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि उसके प्रवर्तक परिवार के साझेदारों से जुड़ी विदेशी इकाइयों के जरिए अडाणी समूह के शेयरों में करोड़ों डॉलर का निवेश किया गया।

आरोपों को खारिज किया अडाणी समूह ने

जॉर्ज सोरोस और रॉकफेलर ब्रदर्स फंड द्वारा वित्तपोषित संगठन ने ऐसे समय में आरोप लगाए हैं, जब कुछ महीने पहले अमेरिकी वित्तीय शोध एवं निवेश कंपनी हिंडनबर्ग ने अडाणी समूह पर बही-खातों में धोखाधड़ी तथा शेयरों के भाव में गड़बड़ी के साथ विदेशी इकाइयों के अनुचित उपयोग का आरोप लगाया था। इन आरोपों के बाद समूह के शेयरों में बड़ी गिरावट आई थी।

अडाणी समूह ने एक बयान में ओसीसीआरपी की रिपोर्ट को ‘‘ बेवकूफ हिंडनबर्ग रिपोर्ट को पुनर्जीवित करने के लिए विदेशी मीडिया के एक वर्ग द्वारा समर्थित सोरोस-वित्त पोषित हितों का एक प्रयास’’ करार दिया।

बयान में कहा गया, ‘‘ ये दावे एक दशक पहले बंद हो चुके मामलों पर आधारित हैं जब राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) ने अधिक चालान, विदेश में धन हस्तांतरण, संबंधित पक्ष लेनदेन तथा एफपीआई के जरिए निवेश के आरोपों की जांच की थी। एक स्वतंत्र निर्णायक प्राधिकारी और एक अपीलीय न्यायाधिकरण दोनों ने पुष्टि की थी कि कोई अधिक मूल्यांकन नहीं था और लेनदेन लागू कानून के तहत थे।’’

समूह ने कहा, ‘‘ मार्च 2023 में मामले को अंतिम रूप दिया गया जब भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने हमारे पक्ष में फैसला सुनाया। धन के हस्तांतरण को लेकर इन आरोपों की कोई प्रासंगिकता या आधार नहीं है।’’