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नई दिल्ली। मध्यप्रदेश में भारतीय जनता पार्टी द्वारा जन आशीर्वाद यात्रा का आयोजन किया जा रहा है। चुनाव पूर्व हो रहे इस बड़े कार्यक्रम में शामिल होने के लिए निमंत्रण नहीं दिए जाने पर मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और मोदी सरकार में मंत्री रह चुकी उमा भारती ने नाराजगी जताई है और जन आशीर्वाद यात्रा का बहिष्कार करने की घोषणा कर दी है।

उमा भारती पार्टी की नाराजगी इस हद तक है कि उन्होंने जन आशीर्वाद यात्रा के 25 सितंबर को होने वाले समापन समारोह में भी नहीं जाने की घोषणा कर दी है। समापन समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भी शामिल होने की संभावना है।

बता दें कि मध्य प्रदेश में होने वाले आगामी विधान सभा चुनाव की तैयारियों के मद्देनजर भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने रविवार को राज्य के सतना जिले से पार्टी के राज्यव्यापी कार्यक्रम के तहत पहली जन आशीर्वाद यात्रा का शुभारंभ किया था। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह राज्य के नीमच से दूसरी जन आशीर्वाद यात्रा का शुभारंभ करने जा रहे हैं।

उपलब्धियां गिनाने जन आशीर्वाद यात्रा

भाजपा ने मध्य प्रदेश में अपनी सरकार के कार्यकाल की उपलब्धियों को जन-जन तक पहुंचाने और कांग्रेस पर निशाना साधने के लिए एक रणनीति के तहत राज्य में जन आशीर्वाद यात्रा निकालने का निर्णय लिया है। 3 से 6 सितंबर के बीच राज्य के विभिन्न क्षेत्रों से इस तरह की पांच ‘जन आशीर्वाद यात्रा’ निकाली जानी है जिसका समापन 25 सितंबर को होना है। इस दौरान ये यात्राएं लगभग 10 हजार किमी से अधिक की दूरी तय करेगी और राज्य के लगभग सभी विधानसभाओं तक पहुंचेंगी।

पार्टी द्वारा चुनावी रणनीति के लिहाज से शुरू की गई इन महत्वपूर्ण यात्राओं के लिए निमंत्रण नहीं मिलने पर नाराजगी जताते हुए उमा भारती ने सोमवार सुबह एक्स पर कहा, “मुझे जन आशीर्वाद यात्रा के प्रारंभ में निमंत्रण नहीं मिला, यह सच्चाई है कि ऐसा मैंने कहा है, लेकिन निमंत्रण मिलने या ना मिलने से मैं कम ज्यादा नहीं हो जाती। हां अब यदि मुझे निमंत्रण दिया गया तो मैं कहीं नहीं जाऊंगी। ना प्रारंभ में ना 25 सितंबर के समापन समारोह में।”

हालांकि इसके बाद अपने अगले एक्स में उमा भारती ने यह भी कहा, “मेरे मन में शिवराज के प्रति सम्मान एवं उनके मन में मेरे प्रति स्नेह की डोर अटूट और मज़बूत है। शिवराज जब और जहां मुझे चुनाव प्रचार करने के लिए कहेंगे मैं उनका मान रखते हुए उनकी बात मानकर चुनाव प्रचार कर सकती हूं।”

‘2024 में चुनाव लड़ने से मुझे कोई किनारे नहीं कर सकता’

उमा भारती से पूछा गया कि वे बैठकों में नजर नहीं आ रही हैं, रणनीतियों से दूर रह रही हैं क्या उमा भारती को दरकिनार किया गया, या खुद दूरी बनाए हुए हैं? इस पर उमा भारती ने कहा, मैंने 2019 में ही कहा था कि 2019 में चुनाव नहीं लड़ूंगी। मैं 27 साल की उम्र में पहली बार चुनाव लड़ी। 6 बार सांसद, 2 बार विधायक बनी। 11 साल केंद्र में मंत्री रहीं और मुख्यमंत्री भी रहीं। मैंने कहा था कि मुझे 5 साल का ब्रेक दे दो, गंगा का काम करूंगी। यात्रा करूंगी, लेकिन मैं 2024 का चुनाव जरूर लड़ूंगी। इसलिए मैंने खुद को किनारे नहीं लगाया। न कोई मुझे किनारे लगा सकता है।

भाजपा नेताओं के फाइव स्टार होटलों में रुकने पर ये कहा

भाजपा नेताओं के फाइव स्टार होटलों में रुकने पर फिर से सवाल उठाते हुए उमा भारती ने अगले एक्स में कहा, “शादियों की फ़िज़ूल खर्ची और हमारे नेताओं का 5 स्टार होटलों में रुकना इसको मैं शुरू से ही ग़लत मानती हूं। मोदी भी इस तरह की जीवनशैली को सख़्त नापसंद करते हैं। मैं आगे भी ये बातें कहती रहूंगी। हम गांधी, दीनदयाल एवं मोदी की सीखों की अनदेखी नहीं कर सकते।” हालांकि उमा भारती ने पार्टी का नुकसान नहीं होने का दावा करते हुए यह भी लिखा कि जिनके खून पसीने से यह भाजपा बनी है वे उन लोगों में से हैं और पार्टी का कभी नुक़सान नहीं करेंगी।

सरकारी अस्पताल में इलाज और स्कूलों में कराएं पढ़ाई

उमा भर्ती ने एक के बाद एक सोमवार सुबह को किए गए अपने कई एक्स में यह भी कहा, “जब भोपाल के बंसल अस्पताल में मेरे चेकअप हुए और तब मैंने सरकारी एवं प्राइवेट अस्पतालों में जमीन-आसमान का अंतर पाया तथा सरकारी एवं निजी शिक्षा में भी यही अंतर है और तभी से मैंने कहना शुरू किया। हम सब नेताओं को, विधायकों, सांसदों, मंत्रियों, मुख्यमंत्रियों एवं सभी अधिकारियों को सरकारी अस्पताल में इलाज कराना चाहिये एवं सरकारी स्कूल में बच्चों को पढ़ने भेजना चाहिये. तभी इन व्यवस्थाओं में सुधार हो पायेगा। यह एक अभियान का स्वरूप ले लेगा।”