रायपुर। नगर निगम, रायगढ़ में कांग्रेस की महापौर जानकी काटजू के खिलाफ भाजपा ने अविश्वास प्रस्ताव पेश किया है और इस मुद्दे को लेकर 15 सितंबर को वोटिंग होनी है। कांग्रेस पार्टी ने अविश्वास प्रस्ताव को ध्वस्त करने की जिम्मेदारी रायपुर नगर निगम के सभापति प्रमोद दुबे व बीरगांव के महापौर नंदलाल देवांगन को सौंपी है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने दोनों पर्यवेक्षक नियुक्त किया है।

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष दीपक बैज ने इन्हे जिम्मेदारी सौंपते हुए कहा है कि रायगढ़ नगर निगम के कांग्रेस पार्षदों को एकजुट कर एवं वरिष्ठ नेताओं से समन्वय बनाकर अविश्वास प्रस्ताव के विरूद्ध मतदान कराएं।

भाजपा पार्षदों ने लगाए हैं ये आरोप

रायगढ़ नगर निगम में भाजपा ने 7 आरोपों को लेकर महापौर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लेकर आई है, जिस पर 15 सितंबर को वोटिंग होनी है। रायगढ़ कलेक्टर ने 15 सितंबर को सुबह 11 बजे सम्मेलन बुलाया है, जिसमें शहर के 48 वार्ड के पार्षद महापौर जानकी काटजू की कुर्सी को लेकर फैसला करेंगे।

भीतरघात की है आशंका

बता दें की रायगढ़ नगर निगम में कुल 48 वार्ड हैं। कांग्रेस के पास 26 और भाजपा के पास 22 पार्षद हैं। भाजपा के एक पार्षद का हाल ही में निधन होने के कारण पार्टी के पास अभी सिर्फ 21 पार्षद ही बाकी हैं। अगर कांग्रेसी महापौर के साथ भीतरघात जैसी कोई बात नहीं हुई, तो महापौर अपने पद पर बनी रहेंगी।

हालांकि इस बात की भी जोरों पर चर्चा है कि शुरुआत में भाजपा इस अविश्वास प्रस्ताव को लेन के पक्ष में नहीं थी। मगर महापौर जानकी काटजू से नाराज चल रहे कुछ कांग्रेसी पार्षदों के अघोषित समर्थन पर भाजपा ने यह अविश्वास प्रस्ताव पेश किया है।

बहरहाल रायपुर नगर निगम के सभापति प्रमोद दुबे व बीरगांव के महापौर नंदलाल देवांगन को रायगढ़ नगर निगम मेयर जानकी काटजू की कुर्सी बचाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। दोनों नेता जल्द ही रायगढ़ पहुंचकर इसके लिए रणनीति बनाने में जुट जायेंगे।