नई दिल्ली। I.N.D.IA. गठबंधन के नेताओं ने तय किया है कि वो अपने नेताओं और प्रवक्ताओं को कुछ टीवी एंकर्स के शो में भेजना बंद करेंगे। विपक्षी दलों के नेता अक्सर कुछ टीवी एंकर्स पर बीजेपी और आरएसएस का समर्थन करने का आरोप लगाते रहे हैं। राहुल गांधी भी कई बार मीडिया पर तंज़ कसते हुए दिखे थे।

दिल्ली में शरद पवार के घर पर हुई बैठक के बाद साझा बयान जारी कर कहा गया, ”समन्वय समिति ने ऐसे टीवी एंकर्स के नामों की लिस्ट तैयार करने के लिए कहा है, जिनके शो में इंडिया गठबंधन के नेता नहीं जाएंगे।” ये संभवत: पहली बार है, जब विपक्षी दलों ने सत्ता की तरफ़दारी करने वाले पत्रकारों को निशाना बनाने का फ़ैसला किया है।

तीन मीडिया घरानों का पूरी तरह बहिष्कार

बताया जा रहा है कि कुछ टीवी चैनलों का पूरी तरह से बहिष्कार होगा और कुछ चैनलों के सिर्फ़ एंकर्स का। विपक्षी दलों के बीच इस बात को लेकर सहमति है कि कम से कम तीन मीडिया घरानों से किसी तरह का कोई नाता नहीं रहेगा। विपक्षी दलों का आरोप है कि ये न्यूज़ चैनल बीजेपी और आरएसएस के लिए काम करते हैं।

पवन खेरा ने ट्वीट जारी कर एंकरों के नाम गिनाये

इंडिया गठबंधन ने भले एंकरों के नाम पीसी में उजागर नहीं किये, मगर कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेरा ने ट्वीट जारी कर बताया है कि गठबंधन ने कुल 14 एंकरों के बहिष्कार का फैसला भी किया है। इनमें ये नाम शामिल हैं :

0 अमन चोपड़ा (न्यूज़ 18)
0 अमीश देवगन (न्यूज़ 18)
0 अदिति त्यागी (भारत एक्सप्रेस)
0 चित्रा त्रिपाठी (आज तक)
0 रुबिका लियाकत (भारत 24)
0 गौरव सावंत (इंडिया टुडे)
0 प्राची पाराशर (इंडिया टीवी)
0 आनंद नरसिम्हन (न्यूज़ 18)
0 सुशांत सिन्हा (टाइम्स नाऊ नवभारत)
0 शिव अरूर (इंडिया टुडे)
0 सुधीर चौधरी (आज तक)
0 अशोक श्रीवास्तव (डीडी न्यूज़)
0 नाविका कुमार (टाइम्स नाऊ)
0 अर्णब गोस्वामी (रिपब्लिक भारत)

https://twitter.com/Pawankhera/status/1702265129713446964

क्या ये बहिष्कार स्थाई है ?

इस सवाल के जवाब में सदस्य ने कहा कि कि गठबंधन बहिष्कार के बाद अगले कुछ महीनों तक इन चैनलों और एंकर के शो का मुआयना करेगा। अगर इनमें सुधार पाया जाता है तो इनका बहिष्कार वापस लिया जा सकता है।

बहिष्कार के बाद भी यदि कोई सुधार न हुआ तो तब गठबंधन क्या करेगा? इस सवाल पर सदस्य ने कहा कि अगर सुधार नहीं होता है तो इस वक्त करीब 11 राज्यों में गठबंधन की सरकार हैं, उन राज्यों में इन चैनलों के विज्ञापन पर रोक जैसे उपाय भी अपनाए जा सकते हैं।