ग्वालियर। छापा मारने पहुंची पुलिस की टीम ने सटोरियों से डील कर लिया और घूस के रूप में बड़ी रकम ऑनलाइन ट्रांसफर करा लिए। इस मामले का खुलासा होते ही एसपी राजेश चन्देल ने देर रात एक सब इंस्पेक्टर और दो आरक्षकों के खिलाफ FIR दर्ज कर तीनों को सस्पेंड कर दिया। इस एफआईआर में एक अज्ञात को भी शामिल किया गया है।

पुलिस का भ्रष्ट चेहरा आया सामने

इस मामले में पुलिस का एक बड़ा भ्रष्ट चेहरा सामने आया है। बता दें कि इंग्लैंड और न्यूजीलेंड के बीच क्रिकेट मैच था। क्राइम ब्रांच के हवलदार विकास तोमर ने क्राइम ब्रांच के थाना प्रभारी अमर सिंह सिकरवार को सूचना दी कि एमके सिटी में ऑनलाइन क्रिकेट सट्टा चलने की सूचना है। टीआई ने उसे इस इनपुट की तस्दीक करने को कहा। थोड़ी देर बाद टीआई ने विकास को कॉल करके कहा कि वह एमके सिटी में सटोरियों के फ्लैट पर पहुंच गया है। वहां पर लगभग डेढ़ दर्जन लोग मौजूद हैं।

आरोपियों की संख्या अधिक होने पर टीआई ने सब इंस्पेक्टर राहुल अहिरवार को सिरोल के थाना प्रभारी विनय तोमर की टीम के साथ मौके पर भेजा गया। एडिशनल एसपी ऋषिकेश मीणा ने बताया, क्राइम ब्रांच और सिरोल थाना पुलिस की इस संयुक्त कार्रवाई में 15 सटोरिये पकड़े गए। इनमें ज्यादातर दतिया जिले के हैं, इनके पास से दो लैपटॉप, 30 मोबाइल फोन और चार डायरी बरामद हुई। इनमें 50 लाख से ज्यादा का हिसाब किताब दर्ज है।

सटोरियों से पुलिस का दतिया कनेक्शन

पकड़े गए ज्यादातर आरोपी दतिया जिले के निवासी थे। खास बात ये है कि पकड़ने गए दो पुलिसकर्मी भी दतिया के ही थे। इससे पुलिस अफसर चौकन्ना हुए। इस बीच इस मामले में सटोरियों से पैसे लेने की सुगबुगाहट शुरू हुई तो क्राइम ब्रांच टीआई ने जांच शुरू की और एसपी राजेश चन्देल को भी बताया।

पिस्टल की नोंक पर धमकाया

इस छापे के बारे में पता चला कि एसआइ मुकुल यादव के पास पिस्टल थी। इन लोगों ने पिस्टल दिखाकर धमकाया- खातों की जानकारी मांगी, इसके पासवर्ड पूछे। जब नहीं बताया तो पूरी जिंदगी जेल में सड़ाने की धमकी दी। इसके बाद दो खातों से 23.15 लाख रुपये दूसरे खातों में ट्रांसफर कराकर सिरोल थाना पुलिस को कार्रवाई के लिए सुपुर्द कर दिया।

रात में तो लाखों रुपये वसूलने की खबर बाहर नहीं आई। सुबह यह अफसरों तक पहुंच गई। आनन-फानन में एसएसपी राजेश सिंह चंदेल ने क्राइम ब्रांच के डीएसपी सियाज केएम को जांच सौंपी।

तीन किश्तों में ONLINE ली रकम

बाद में यह तथ्य उजागर हो गया कि सटोरियों की तरफ से छापा मारने गए एसआई और दो पुलिसकर्मियों के खातों में तीन किश्तों में 10 लाख, आठ लाख और 5.15 लाख रुपये दो खातों में ट्रांसफर के जरिए भेजे गए। यह भी पता चला कि इन्होंने सटोरियों से 10 हजार नकद और दो मोबाइल पहले ही लेकर अपनी जेब मे रख लिए थे। इसके बाद पुलिस अधिकारियों में हड़कंप मच गया। दिन भर अफसर सिरोल थाने पहुंचकर आरोपियों से पूछताछ करते रहे। जब खातों में पैसे ट्रांसफर होने की पुष्टि हो गई तो देर रात पुलिस वालों के खिलाफ FIR दर्ज की गई।

फरार हो गए घूसखोर पुलिस वाले

पुलिस अधीक्षक राजेंश सिंह चंदेल के आदेश पर सिरोल टीआई ने क्राइम ब्रांच के सब इंस्पेक्टर मुकुल यादव, आरक्षक राहुल यादव और विकास तोमर के खिलाफ एफआईआर दर्ज की। इनमें से एसआई मुकुल यादव गोला का मंदिर थाना में पदस्थ है। इस मामले में FIR दर्ज होने के बाद देर रात ही एसपी ने तीनों आरोपी पुलिस वालों सब इंस्पेक्टर मुकुल यादव, आरक्षक राहुल यादव और विकास तोमर को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। इनकी गिरफ्तारी की भी कोशिश की गई, लेकिन भनक लगने पर ये गायब हो गए।

सब इंस्पेक्टर मुकुल यादव

जांच में कई और खाकी के किरदार होंगे उजागर

पुलिस अधिकारियों का मानना है इतनी बड़ी रकम किसी की शह के बिना यह लोग नहीं ले सकते। इसके पीछे खाकी के कौन से किरदार हैं, इसकी जड़ तक पुलिस अधिकारी पहुंचेंगे। यह भी पता लगा है कि सब इंस्पेक्टर मुकुल यादव की किसी निरीक्षक स्तर के अधिकारी से फोन पर इस संबंध में चर्चा हुई थी, इस संबंध में उसके पकड़े जाने के बाद खुलासा होगा। यह जानकारी एडीजी और एसएसपी तक भी है। इस पूरे कांड में अभी और भी नाम बढ़ सकते हैं।

इन खातों से रकम की ट्रांसफर

सब इंस्पेक्टर और उसके साथी पुलिसकर्मियों ने दो खातों से रुपये दूसरे बैंक खाते में ट्रांसफर किए। शिवम नरेश पटवार के खाता नंबर 100209131141 और आनंद अहिरवार के खाता नंबर 100209131120 से रकम खातों में ट्रांसफर हुई है।