अंबिकापुर। सरगुजा जिले के एक व्यापारी गुरुपद जायसवाल फर्जी कंपनी से करोड़ों की धोखाधड़ी का शिकार हो गए। यहां के बौरीपारा निवासी व्यवसायी की लाश होटल में फांसी पर लटकी मिली। परिजनों के मुताबिक वे पहले भी आत्महत्या का प्रयास कर चुके थे।

गुरुपद जायसवाल बुधवार सुबह से घर से निकले थे। शाम तक घर वापस नहीं लौटने पर स्वजन उनकी खोजबीन में लगे थे। लगातार मोबाइल पर घण्टी जा रही थी लेकिन व्यवसायी गुरुपद जायसवाल फोन रिसीव नहीं कर रहे थे। गुरुवार की सुबह उनके एक रिश्तेदार रास्ते से गुजर रहे थे। होटल के सामने उनकी गाड़ी देखकर घरवालों को फोन किया गया।

परिजन मौके पर पहुंचे तो पता चला कि गुरुपद जायसवाल इसी होटल के कमरे में बुधवार दोपहर 12 बजे से रुके हुए है। संदेह होने पर पुलिस को सूचना दी गई। मौके पर पहुंची पुलिस ने स्वजन के समक्ष होटल के कमरे का दरवाजा खोला तो व्यवसायी गुरुपद जायसवाल की फांसी पर लटकी लाश मिली। कमरे के बेड के ऊपर उनकी फांसी पर लटकी लाश थी। पंखा में उन्होंने रस्सी का फंदा बनाया था।

सुसाइड नोट में व्यवसायी ने बताई आपबीती

इसी कमरे में दो पन्ने का सुसाइड नोट मिला। इसके अलावा एक कापी भी मिली है। कापी में मृतक व्यवसायी गुरुपद जायसवाल ने कई महीनों से कई पन्नों में जीवन में हो रहे घटनाक्रम का उल्लेख किया है। व्यवसायी गुरुपद जायसवाल कोलकाता की एक कथित कंपनी के झांसे में आ गए थे।

कंपनी ने इस तरह की धोखाधड़ी

कंपनी ने उन्हें झांसा दिया था कि उन्हें यूरेनियम का भंडार मिला है। यह अनुमति प्राप्त खदान है। कंपनी द्वारा यूरेनियम का शोधन किया जाएगा। इसमें राशि निवेश करने पर कई गुना लाभ होगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ। दो करोड़ निवेश के बाद कुछ काम नहीं होने पर उन्होंने संबंधित लोगों पर दबाब बनाया तब उन्हें कथित रूप से दो हजार करोड़ का भारतीय रिजर्व बैंक का चेक जारी कर दिया गया था। बैंक में पता करने पर जानकारी मिली कि ऐसा कोई चेक नहीं होता है। यह फर्जी चेक है।

कंपनी का नहीं मिला नामोनिशान

इसके बाद गुरुपद जायसवाल कोलकाता भी गए थे लेकिन न तो कंपनी का पता चला और न ही वे लोग मिले। उस दौरान शहर लौटने के बाद उन्होंने व्यथित होकर हाथ की नस काट आत्महत्या की कोशिश की थी। बरामद सुसाइड नोट में पारिवारिक और आर्थिक परेशानियों, कथित कंपनी में करोड़ों के निवेश तथा धोखाधड़ी का शिकार होने, स्थानीय लोगों, कुछ परिचितों, रिश्तेदारों द्वारा रुपये वापस करने दबाब बनाने का भी उल्लेख है। पुलिस ने सुसाइड नोट तथा कापी को जब्त कर जांच शुरू कर दी है। इसमें नामजद लोगों के साथ रुपये लेनदेन, विवाद और ठगी का उल्लेख किया गया है।

परिचित हुए ठगी का शिकार तो बनाया दबाव

पुलिस की प्रारंभिक जांच में पता चला कि यूरेनियम के धंधे के नाम पर दो करोड़ रुपये निवेश करने वाले गुरुपद जायसवाल की देखादेखी उनके कुछ परिचितों, रिश्तेदारों ने भी राशि निवेश किया था। वे भी ठगी के शिकार हुए। स्वजन का कहना है कि कोलकाता जाने के बाद संबंधित लोगों ने राशि निवेश किया था लेकिन जब ठगी हुई तो उसके लिए गुरुपद जायसवाल को दोषी ठहराकर उन्हीं से रुपयों की मांग कर दबाब बना रहे थे। इससे गुरुपद जायसवाल मानसिक और आर्थिक रूप से परेशान रहने लगे थे।

आर्थिक रूप से टूट चुके थे

कथित यूरेनियम कंपनी में 25 लाख निवेश करने वाले एक परिचित ने ठगी के लिए गुरुपद जायसवाल को जिम्मेदार ठहरा कर राशि मांगना शुरू किया था। गुरुपद जायसवाल आर्थिक रूप से भी टूट चुके थे। परिचित ने बलपूर्वक उनके गोदाम की चाबी ले ली थी। जमीन रजिस्ट्री कराने दबाव बनाया जा रहा था। इससे वे परेशान रहने लगे थे। पैतृक संपत्ति होने के बाद भी किराए के मकान में रहने मजबूर थे। उनकी एकमात्र बेटी बंगलुरू में निवास करती है। पति की मौत के बाद पत्नी सदमे में हैं। उनका बयान भी नहीं लिया जा सका है।

सीबीआइ से प्रकरण की जांच कराने आग्रह

होटल के कमरे से दो पन्ने का सुसाइड नोट पुलिस ने बरामद किया है। इसके साथ ही पिछले कई महीनों से व्यवसायी द्वारा एक कापी में सारे घटनाक्रम लिखे जा रहे थे, उस कापी को भी पुलिस ने बरामद किया है। सुसाइड नोट में कुछ लोगों के नाम का उल्लेख है, जिनके कारण वह परेशान थे। उन्होंने इस पूरे प्रकरण की सीबीआइ से जांच कराने का उल्लेख अपने पत्र में किया है। बहनों को भी उन्होंने पत्र में संबोधित किया है। पत्र में यह उल्लेखित है कि उनके चले जाने के बाद उनके नजदीकी लोगों का शायद कोई नहीं रहेगा। उन्होंने अपनी बहनों से माफी भी मांगी है।