रायपुर. फार्माकोविजिलेंस प्रोग्राम ऑफ इंडिया, इंडियन फार्माकोपिया कमीशन, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा की गई पहल के अंतर्गत, कलिंगा विश्वविद्यालय के फार्मेसी विभाग ने एम्स रायपुर के सहयोग से 21 सितंबर 2023 को फार्माकोविजिलेंस और प्रतिकूल दवा प्रतिक्रिया जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करके “फार्माकोविजिलेंस में जनता का विश्वास बढ़ाना” विषय के साथ तीसरा राष्ट्रीय फार्माकोविजिलेंस सप्ताह मनाया गया।

कार्यक्रम की शुरुआत अतिथियों के स्वागत के साथ हुई जिसमें डॉ. नितिन आर गायकवाड़ (प्रोफेसर और समन्वयक, एडीआर निगरानी केंद्र, एम्स), डॉ. योगेन्द्र एन केचे (अतिरिक्त प्रोफेसर, एडीआर निगरानी केंद्र, एम्स), डॉ. पुगझेन टी (सहायक प्रोफेसर और उप समन्वयक, एडीआर निगरानी केंद्र, एम्स) शामिल थे।
एम्स के डॉ. नितिन आर गायकवाड़ ने इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए तर्कहीन दवा प्रशासन प्रथाओं और अनुचित प्रशासन तरीकों के कारण होने वाले प्रतिकूल प्रभावों के बारे में जानकारी दी।

डॉ. योगेन्द्र एन केचे ने विद्यार्थियों को स्व-चिकित्सा और ओवर-द-काउंटर (ओटीसी) दवाओं के खतरों के बारे में संबोधित किया, वहीं डॉ. पुगझन टी ने दिखाया कि भारत सरकार को इन प्रतिकूल प्रभावों की रिपोर्ट कैसे दी जाए। डॉ. नितिन आर. गायकवाड़ ने फार्माकोविजिलेंस में कलिंगा विश्वविद्यालय द्वारा पेश किए जाने वाले एक कार्यक्रम/ पाठ्यक्रम फार्म.डी की भूमिका का भी समर्थन किया, जिसमें प्रतिकूल दवा प्रतिक्रियाओं की निगरानी और रिपोर्टिंग शामिल हैI इस सत्र में डी. फार्म, बी. फार्म, फार्म डी तथा एम. फार्म के 100 से अधिक छात्रों ने संकाय सदस्यों के साथ सत्र में भाग लिया।

यह कार्यक्रम फार्मेसी संकाय के प्राचार्य डॉ संदीप प्रसाद तिवारी के मार्गदर्शन में आयोजित किया गया था। इस कार्यक्रम का संयोजन सतीश सिरिपिनी (सहायक प्रोफेसर) और रजनी यादव (सहायक प्रोफेसर) ने किया। आयोजन समिति में संदीप कुमार मिश्रा, सुदीप मंडल, प्रांजल श्रीवास्तव, सेमोंटी नंदी, जयश्री स्वर्णकार और शारंग बाली उपस्थित थे। कलिंगा विश्वविद्यालय के फार्मेसी संकाय के सहायक प्रोफेसर और सत्र आयोजक सतीश सिरिपिनी ने धन्यवाद प्रस्ताव के साथ सत्र का समापन किया।

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