रायपुर।प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि आनन-फ़ानन में लाए गए महिला आरक्षण बिल के ज़रिये महिलाओं को आखिर आरक्षण कब मिलेगा, ये कोई नहीं जान सकता । केंद्र सरकार ख़ुद कह रही है 2029 से पहले संभव ही नहीं। जनगणना और परिसीमन से महिला आरक्षण को जोड़कर, महिलाओं को कहा गया है कि अभी इंतज़ार करना पड़ेगा।

सरकार के मंत्रियों और सांसदों ने संविधान के अनुच्छेद 82 – 81(3) का हवाला दिया जिसके अनुसार 2026 का परिसीमन उसके बाद वाली जनगणना मतलब 2031 वाली जनगणना पर ही संभव है। यानी महिला आरक्षण संभवतः 2039 तक ही हो सकता है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं सांसद दीपक बैज ने कहा कि जब महिला आरक्षण बिल आया तो सशक्तिकरण और राजनीतिक भागीदारी की उम्मीद एक बार फिर जागी। लेकिन आज देश की आधी आबादी अपने आप को ठगा सा महसूस कर रही है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं सांसद दीपक बैज ने पूछा कि आखिर 2024 में ये क्यों नहीं हो सकता? अगर वाक़ई में इच्छाशक्ति है तो जैसे दो मिनट के अंदर नोटबंदी, तीन काले क़ानून, लॉकडाउन, 370 को हटाने जैसे निर्णय लिए गए थे – वो अब भी लिये जायें।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि यह बिल महिलाओं को अधिकार देता है कि वो ना सिर्फ़ सार्वजनिक जीवन में बल्कि संसद के पटल से महिला सशक्तिकरण, महिलाओं के खिलाफ हो रहे अपराधों की और महिला सुरक्षा की पुरज़ोर योद्धा बनें। मेरी आशा है कि इस क़ानून के बन जाने के बाद महिला सांसद बेख़ौफ़ होकर महिलाओं के खिलाफ बढ़ते हुए जघन्य अपराधों पर बोलेंगी, उनकी भर्त्सना कर सकेंगी और अपराधियों को सज़ा दिलाने के लिए निडर हो कर माँग करेंगी।

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