रायपुर। इंदिरा प्रियर्शनी बैंक घोटाला मामले में कोर्ट ने पुलिस को 20 अक्टूबर तक की मोहलत दी है। इस दौरान पुलिस को पूरक चार्जशीट पेश करना होगा। बता दें कि 17 साल बाद कोर्ट के आए फैसले के अनुसार पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।

हालांकि पुलिस ने इस मामले में अब तक कोई गिरफ्तारी नहीं की है, मगर पीड़ितों का 2.5 करोड़ रुपए वापस जमा कराया गया है। कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई के दौरान पुलिस से सवाल किया है कि इस मामले की जांच को तीन माह से अधिक समय गुजर चुका है। मगर अब तक पूरक चार्जशीट पेश क्यों नहीं की गई। कोर्ट ने जांच की वर्तमान स्थिति की जानकारी उपलब्ध कराने को कहा है।

न्यायिक मजिस्ट्रेट भूपेश बसंत की कोर्ट में सुनवाई के दौरान कई आरोपी पेश नहीं हुए थे। उन्हें अगली पेशी में उपस्थित रहने के लिए कोर्ट ने नोटिस जारी किया गया है। इस मामले के एक आरोपी नीरज जैन ने फर्जी कंपनी बनाकर बैंक का पैसा उसमें निवेश किया। फिर उन पैसों से शेयर खरीदा। लाभ अर्जित करने के बाद आरोपी ने शेयर बेच दिये।

बता दें कि 40 में से सिर्फ आधा दर्जन कंपनियों ने ही पैसा लौटाया है। बाकी पैसा लौटाने में आनाकानी कर रहे हैं। पुलिस ने उन्हें फिर से नोटिस जारी किया है। इस मामले में पुलिस ने बैंक घोटाले के मुख्य आरोपी तत्कालीन मैनेजर उमेश सिन्हा का नार्को टेस्ट कराया था। टेस्ट का वीडियो उसी समय वायरल हुआ था। उसमें राज्य के कई प्रभावशाली लोगों के नाम का जिक्र किया गया था। उन्हें घोटाले का पैसा पहुंचाने की बात कही गई थी।

इसे लेकर कांग्रेस ने कई बार कार्रवाई की मांग की। सरकार में आने के बाद नार्को रिपोर्ट के आधार पर जांच के लिए कोर्ट में अर्जी लगाई गई। कोर्ट ने उसी आधार पर फिर से पुलिस को जांच के निर्देश दिए हैं, लेकिन पुलिस ने अब तक किसी को नया आरोपी नहीं बनाया है।

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