जयपुर। बिहार सरकार के बाद अब राजस्थान सरकार ने राज्य में जाति सर्वेक्षण कराने का आदेश जारी किया है। सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग द्वारा जारी किया गया आदेश बिहार द्वारा अपने जाति सर्वेक्षण के निष्कर्ष जारी करने और राजस्थान में आगामी विधानसभा चुनावों से पहले जारी किया गया है।

CM गहलोत का बड़ा दांव

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार शाम एक कार्यक्रम में सर्वे कराने की बात कही थी, जिसे राजनीतिक जानकारों के मुताबिक आचार संहिता से पहले सरकार का बड़ा दांव माना जा रहा है। सर्वेक्षण में नागरिकों के सामाजिक, आर्थिक और शैक्षिक स्तर के संबंध में जानकारी और डेटा एकत्र किया जाएगा। इन आंकड़ों का अध्ययन कर समाजों के पिछड़ेपन का आकलन किया जाएगा। उसी अनुरूप सुधार योजनाएं बनाई जाएंगी। सरकार का दावा है कि ऐसी योजनाओं से ऐसे पिछड़े वर्गों के जीवन स्तर में सुधार होगा।

सर्वेक्षण कार्य का योजना विभाग होगा नोडल

राज्य कैबिनेट ने इस संबंध में फैसला लिया था, जिसके बाद सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के सचिव डॉ. समित शर्मा ने आदेश जारी किया। आदेश के अनुसार सर्वेक्षण कार्य का योजना विभाग नोडल विभाग होगा। सर्वेक्षण के लिए कलेक्टर नगर पालिका, नगर परिषद, निगम, ग्राम और पंचायत स्तर पर विभिन्न विभागों के कर्मचारियों की सेवाएं ले सकेंगे। नोडल विभाग प्रश्नावली तैयार करेगा। इसमें उन विषयों का उल्लेख होगा जिससे प्रत्येक व्यक्ति के सामाजिक, आर्थिक एवं शैक्षणिक स्तर की पूरी जानकारी प्राप्त हो सके।

जानकारी व डाटा ऑनलाइन फीड किया जाएगा, डीओआईटी इसके लिए अलग से स्पेशल सॉफ्टवेयर और मोबाइल ऐप भी बनाएगा। अधिकारियों ने बताया कि विभाग जानकारी को सुरक्षित रखेगा।