राजनांदगांव। भारतीय जनता पार्टी की मुश्किलें टिकट वितरण के बाद लगातार बढ़ती जा रही है ! वरिष्ठ नेता एवं जिला पंचायत सदस्य राजेश श्यामकर के समर्थन में आज सैकड़ों कार्यकर्ता खुलकर सामने आए। इस दौरान राजेश श्यामकर अपने समर्थक और कार्यकर्ताओं के साथ रैली निकाल कर नामांकन फार्म लेने कलेक्ट्रेट कार्यालय भी पहुंचे।

जिले के डोंगरगढ़ विधानसभा क्रमांक 74 में भारतीय जनता पार्टी के द्वारा प्रत्याशी घोषित किए जाने के बाद यहां भाजपा के खिलाफ बगावत के स्वर दिखाई दे रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं जिला पंचायत सदस्य राजेश श्यामकर के समर्थन में आज सैकड़ों कार्यकर्ता खुलकर सामने आए। इस दौरान राजेश श्यामकर अपने समर्थक और कार्यकर्ताओं के साथ रैली निकाल कर नामांकन फार्म लेने कलेक्ट्रेट कार्यालय भी पहुंचे।
इस दौरान जिला पंचायत सदस्य राजेश श्यामकर ने कहा कि वह अपने कार्यकर्ताओं की भावनाओं के अनुरूप यह कदम उठा रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह कदम उठाने के लिए उन्हें भाजपा नेताओं ने मजबूर किया है। राजेश श्यामकर ने आरोप लगाते हुए कहा कि डोंगरगढ़ में टिकट वितरण को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने कार्यकर्ताओं से राय शुमारी नहीं की और अपने कार्यकर्ताओं को नजरअंदाज कर दिया।
उन्होंने कहा कि वह अपने कार्यकर्ताओं की भावनाओं के अनुरूप आज नाम निर्देशन पत्र दाखिल कर डोंगरगढ़ विधानसभा से चुनाव लड़ेंगे। वहीं उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी यहां तीसरे स्थान पर रहेगी।
क्षेत्र में अच्छी पैठ
जिला पंचायत सदस्य राजेश श्यामकर के साथ उनके समर्थक और कार्यकर्ता रैली की शक्ल में कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचे। राजेश श्यामकर के बगावत के बाद अब डोंगरगढ़ की भाजपा की राजनीतिक समीकरण में बिगड़ती दिखाई दे सकती है। एक ओर जहां पूर्व विधायक विनोद खांडेकर भाजपा के प्रत्याशी घोषित हो गए हैं, तो वहीं दूसरी ओर भाजपा नेता राजेश श्यामकर भी डोंगरगढ़ विधानसभा से नाम निर्देशन पत्र दाखिल करेंगे।
इस क्षेत्र से जिला पंचायत सदस्य होने के चलते राजेश श्यामकर की भी क्षेत्र में अच्छी पैठ है और उनके सैकड़ों समर्थक हैं। ऐसी स्थिति में यहां अगर राजेश श्यामकर चुनाव मैदान में बने रहते हैं तो भारतीय जनता पार्टी को नुकसान हो सकता है।
डोंगरगढ़ विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी ने यहां से पूर्व विधायक विनोद खांडेकर को प्रत्याशी बनाया है। तो वहीं दूसरी ओर भाजपा से ही टिकट की दावेदारी में शामिल रहे राजेश श्यामकर को भारतीय जनता पार्टी ने नजरअंदाज कर दिया। अब इसके बाद यहां बगावत के स्वर देखने को मिल रहे हैं।