रायपुर। छत्तीसगढ़ में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक पार्टियों में इन दिनों घमासान मचा हुआ है। सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी भाजपा और कांग्रेस इस बार भी छत्तीसगढ़ में एक-दूसरे को कड़ी टक्कर देने की तैयारी में है। इस बीच केंद्रीय गृह मंत्रालय ने छत्तीसगढ़ के 24 भाजपा नेताओं को सुरक्षा देने का ऐलान किया है जिस पर कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर भेदभाव का आरोप लगा कर केंद्र सरकार के फैसले का जमकर विरोध कर रहे हैं। प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने सवाल उठाया है कि आखिर बीजेपी के नेताओं को ही सुरक्षा क्यों, क्या बाकी दलों के नेताओं पर कोई खतरा नहीं है?

प्रदेश सरकार की छवि खराब करने की कोशिश
बीजेपी द्वारा नेताओं को सुरक्षा देने को लेकर राजनीति गरम हो गई है। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने आरोप लगाया कि भाजपा की केंद्र सरकार छत्तीसगढ़ को बदनाम करने के लिए केवल बीजेपी नेताओं को सुरक्षा दिया है। उन्होंने सवाल उठाया कि सुरक्षा के लिए सिर्फ भाजपा का सदस्य होने को पैमाना माना है। केंद्र सरकार ने जानबूझकर प्रदेश की छवि खराब करने के लिए अपने नेताओं को एक्स श्रेणी की सुरक्षा दी है।

बीजेपी सुरक्षा मांग का आवेदन सार्वजनिक करे
उन्होंने कहा बीजेपी बताए कि, जिन 24 भाजपा नेताओं को सुरक्षा दी गई है, पिछले पांच वर्षों में उन्होंने कितनी बार अपनी सुरक्षा के लिए प्रदेश सरकार और स्थानीय पुलिस प्रशासन से आवेदन किया था। केंद्र सरकार यह भी बताए कि इन सुरक्षा प्राप्त 24 नेताओं ने कब केंद्र सरकार से सुरक्षा के लिए आवेदन किया था। उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस चुनौती देती है कि बीजेपी इन नेताओं की सुरक्षा मांग का आवेदन सार्वजनिक करे। शुक्ला ने आरोप लगाया कि नेताओं की सुरक्षा भी बीजेपी की षड्यंत्र का ही एक हिस्सा है।

बीजेपी ने किया पलटवार
बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता केदारनाथ गुप्ता ने कांग्रेस के आरोपों का पलटवार करते हुए कहा कि तीन महीने पहले ही प्रदेश सरकार ने भाजपा के नेताओं से बस्तर में सुरक्षा वापस की थी। इसके अलावा बस्तर में लगातार बीजेपी के नेताओं की टारगेट किलिंग हुई है और पांच नेताओं की हत्या हो चुकी है। इसके पहले एक कांग्रेसी नेता ने सरेआम बीजेपी नेताओं को काट डालने की धमकी दी थी। उन्होंने आगे कहा कि भूपेश सरकार में बीजेपी नेताओं की सुरक्षा कम कर रहे हैं और ये शर्मनाक स्थिति है कि उनकी पार्टी के इशारे में भाजपा के कार्यकर्ताओं को मारने की धमकी दी जा रही है और जब बीजेपी के कार्यकर्ताओं के खिलाफ नृशंस हत्या को रोकने के लिए केंद्र सरकार ने सुरक्षा दी तो, अब प्रदेश सरकार को पीड़ा हो रही है।