रायपुर। ढाई साल पहले मंदिर हसौद क्षेत्र में एक किशोरी को डरा-धमकाकर उसके साथ लगातार एक महीने तक दुष्कर्म करने के आरोपी शिवा साहू (21) को कोर्ट ने 20 वर्ष के सश्रम कारावास और दो हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है।

न्यायालय से मिली जानकारी के अनुसार 29 मई, 2021 को दुष्कर्म पीड़िता किशोरी ने मंदिर हसौद पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई कि दो फरवरी, 2021 की रात में आरोपित शिवा साहू ने उसे मोबाइल पर काल करके मिलने के लिए अपने घर की छत पर बुलवाया।

पीड़िता ने आने से इनकार किया तो आरोपित ने उसके स्वजन को जान से मारने की धमकी दी, तब वह डरकर शिवा से मिलने गई। शिवा ने जबरन उसकी मांग में सिंदूर भरकर मंगलसूत्र पहनाते हुए कहा कि अब हम पति-पत्नी हो गए। इस दौरान आरोपित ने जबरन उसके साथ मारपीट कर दुष्कर्म किया। आरोपित की धमकियों से डरकर पीड़िता ने स्वजन को घटना की जानकारी नहीं दी।

इसके बाद शिवा हर दो-तीन दिन बाद उसे अपने घर पर बुलाकर दो अप्रैल, 2021 तक दुष्कर्म करता रहा। आखिरकार पीड़िता ने शिवा के अत्याचार से परेशान होकर स्वजन को पूरा घटनाक्रम बताया। इसके बाद थाने में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने मामले में धारा 363, 366, 376 पाक्सो एक्ट का केस दर्ज कर आरोपित को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।

प्रकरण की जांच के बाद 14 जून को प्रथम फास्ट ट्रैक विशेष न्यायालय (पाक्सो) के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश लवकेश प्रताप सिंह बघेल के समक्ष आरोप पत्र पेश किया। न्यायाधीश ने आरोपी के खिलाफ पेश किए गए ठोस सुबूत और गवाहों के बयान के आधार पर दोषसिद्व ठहराते हुए धारा 5 (ठ) 6 लैगिंग अपराधों से बालकों को संरक्षण अधिनियम 2012 में 20 वर्ष सश्रम कारावास और दो हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई।

अर्थदंड की राशि का भुगतान नहीं करने पर आरोपी को छह महीने अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। पीड़िता को चार लाख क्षतिपूर्ति देने की अनुशंसा न्यायाधीश लवकेश प्रताप सिंह बघेल ने दुष्कर्म पीड़िता के पुनर्वास के लिए राज्य सरकार द्वारा चार लाख रुपये प्रतिकर भुगतान करने की अनुशंसा की है।