रायपुर। केंद्र सरकार ने पक्के चावल के निर्यात पर शुल्क पांच महीने से अधिक समय के ल‍िए बढ़ा द‍िया है। आपको बता दें कि, घरेलू कीमतों को नियंत्रण में रखने के लिए सरकार ने 25 अगस्त को उबले चावल पर 20 प्रतिशत निर्यात शुल्क लगाया था।

यह शुल्क 16 अक्टूबर तक प्रभावी था। वित्त मंत्रालय ने एक अधिसूचना के माध्यम से इस कैटेगरी के चावल पर शुल्क को 31 मार्च 2024 तक बढ़ाने का फैसला ल‍िया है। टूटे चावल का एक्सपोर्ट 8 स‍ितंबर 2022 से ही बैन है। बता दें कि यह फैसला आगे भी जारी रह सकता है। बता दें कि सस्ता होने की वजह से कई गरीब मुल्क हमसे टूटा चावल खरीद रहे थे।

पर्याप्त स्थानीय स्टॉक बनाए रखने के लिए सरकार ने इसे आगे बढ़ाने का फैसला ल‍िया है। ताकि महंगाई के मोर्चे पर उसे ज्यादा न जूझना पड़े। सरकार क‍िसी भी कीमत पर चावल का दाम और नहीं बढ़ने देना चाहती है। बता दें कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा चावल निर्यातक है। हमने प‍िछले साल 51 हजार करोड़ रुपए का गैर बासमती चावल और 38,500 करोड़ रुपए के बासमती चावल का एक्सपोर्ट क‍िया था। दिल्ली में चावल की खुदरा कीमतें एक साल पहले की तुलना में 22 फीसदी बढ़ी हैं, जो सरकार के ल‍िए च‍िंता का कारण है, जबक‍ि वैश्विक कीमतें इस समय 15 साल के उच्चतम स्तर पर हैं।

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