रायपुर। हाईकोर्ट की सख्ती के बाद राजधानी रायपुर में तेज आवाज में बजने वाले डीजे धुमाल पर कार्रवाई लगातार जारी है, मगर दूसरी ओर लोग इसे रोकने की बजाय किसी न किसी बहाने सड़कों पर शोरगुल, धूम धड़ाके और मस्ती से बाज नहीं आ रहे हैं।

राजधानी की पुलिस ने बीते दो दिनों में 4 डीजे धुमाल संचालकों के खिलाफ कार्रवाई की। इनमें जब्त किये गए सारे डीजे रायपुर जिले से बाहर के थे। पुलिस द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक आज़ाद चौक और अमानाका थाने की पुलिस ने शुक्रवार को जुलूस के दौरान निर्धारित समयावधि और ध्वनि सीमा से अत्यधिक आवाज में डी.जे./धुमाल बजाने पर मिनी ट्रक (टाटा 407) पर ध्वनि विस्तारक यन्त्र का प्रयोग करने वाले दो संचालकों को पकड़ा। इस कार्रवाई के दौरान कुल 2 मिनी ट्रक वाहन, 10 साउंड बॉक्स, 1 जनरेटर, 27 स्पीकर, 9 एमप्लीफायर, सहित अन्य वाद्ययंत्र उपकरण जप्त किया गया।

उधर ग्राम तेंदुआ में तेज आवाज में डी. जे./धुमाल बजाने की सूचना अमानाका थाने को मिली। पुलिस ने मौके पर जाकर डीजे को बंद करा कर कोलहल अधिनियम अंतर्गत अग्रिम वैधानिक कार्यवाही करते हुए मिनी ट्रक CG 07/ 2354 के अलावा 18 रंगीन लाईट, 6 साउंड बॉक्स, 27 स्पीकर, 1 साउंड मिक्सर मशीन, 1 जनरेटर, 8 एमप्लीफायर जप्त किया गया।

इसी तरह थाना आजाद चौक पुलिस ने रामसागरपारा में ऐसे ही शोर मचा रहे धुमाल पार्टी का वाहन क्र. सीजी 07/ 4685 के साथ ही 04 साउंड बॉक्स बेस, 4 पोगा, एक एमप्लीफायर,4 एलईडी लाइट जप्त किया।

थाना तेलीबंधा स्थित पीडब्ल्यूडी ब्रिज के पास अंकित देशमुख बालोद के द्वारा आयशर 709 (ट्रक) वाहन क्रमांक सीजी 24 टी 5595 में लाऊड स्पीकर तथा साऊंड बॉक्स सेट कर अत्याधिक तेज गति में धूमाल बजाकर कोलाहल अधिनियम का उल्लंघन किया जा रहा था, जिस पर तेलीबांधा पुलिस द्वारा कार्यवाही करते हुए 1 आयशर 409 ट्रक, साऊंड बॉक्स 08, लाऊड स्पीकर 35 तथा डिस्को लाइट 15 जप्त कर कोलहल अधिनियम के अंतर्गत इस्तगाशा न्यायालय में प्रस्तुत किया गया।

गौरतलब है कि शहर में आगामी कुछ दिनों में बाजे-गाजे के साथ मां दुर्गा की मूर्तियों को पंडालों तक ले जाने का दौर चलेगा। इस मौके पर भी कई पूजा समितियों द्वारा डीजे धुमाल का उपयोग किया जाता है। पुलिस-प्रशासन की कड़ी कार्रवाई के बावजूद आखिर क्यों इस तरह कानफोड़ू साउंड सिस्टम का उपयोग किया जा रहा है यह आम लोगों की समझ से परे है।

दरअसल युवा वर्ग धूम धड़ाके और मस्ती के चलते मनोरंजन के तथाकथित साधनों का इस्तेमाल करता है, डीजे और धुमाल वालों की तो यह जिम्मेदारी बनती है कि वे इस तरह के जुलूस के दौरान अपने साउंड सिस्टम की आवाज निर्धारित लिमिट में रखें, मगर वे भी इसका पालन नहीं करते और अंततः उनके ऊपर कार्रवाई होती है। हालांकि बार-बार ऐसा करते पकड़े जाने पर संबंधित संचालक का पूरा सामान जब्त करके वापस नहीं करने का प्रावधान भी है, मगर पुलिस इन्हें केवल जुर्माना करके छोड़ रही है, यही वजह है कि डीजे संचालक अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं।