सीतापुर। भाजपा प्रत्याशियों की राह में हार -जीत से पहले राह आसान नजर नहीं ऐ रही है। कई तरह की समस्याओं से जूझ रहे पार्टी को अब कानूनी मामले में भी उलझना पड़ रहा है। उच्च न्यायालय के समक्ष याचिकाकर्ता बिहारीलाल तिर्की व अन्य लोगों ने अधिवक्ता दिलमनी रति मिंज के माध्यम से याचिका दायर की है जिसमे जाति संबंधी गंभीर मामले को संज्ञान में लाया गया है।

मालूम हो छत्तीसगढ़ अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग (सामाजिक स्थिति प्रमाणीकरण का विनियमन) अधिनियम, 2013 के नियम 2(1)(एन) के अनुसार, ग्राम सभा के संकल्प का अर्थ किसी भी घोषणा, निष्कर्ष, निर्णय या आवेदक की सामाजिक स्थिति के संबंध में उस गांव की ग्राम सभा का प्रस्ताव, जहां आवेदक निवास करता है, ताकि आवेदक की सामाजिक स्थिति को स्पष्ट रूप से स्पष्ट किया जा सके।

हालाँकि, ग्राम सभा जामबहार की कार्यवृत्त पुस्तिका से यह स्पष्ट है कि उसने रामकुमार या उसकी जाति क्या है, इस पर कोई विशेष प्रस्ताव पारित किए बिना विभिन्न बिंदुओं पर एक अस्पष्ट प्रस्ताव संख्या 20, दिनांक 05.12.2022 पारित किया है। ग्राम सभा ने इस आशय का कोई प्रस्ताव पारित नहीं किया है कि रामकुमार टोप्पो या उनके पिता गणेशराम उराँव जाति के हैं।

रामकुमार टोप्पो या उनके पिता गणेशराम की सामाजिक स्थिति पर ऐसे किसी भी स्पष्ट समाधान के अभाव में, प्रतिवादी की सामाजिक स्थिति के बारे में शीघ्र जांच की जाएगी। यह नियम 3(3)(ई)(xi) के तहत ऐसी अनिवार्य आवश्यकता को पूरा न करने के समान है क्योंकि नियम विशेष रूप से कहता है कि जहां जाति के प्रमाण में कोई दस्तावेजी साक्ष्य उपलब्ध नहीं है।

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