कोरबा । पाली-तानाखार आदिवासी वर्ग के प्रत्याशी के लिए आरक्षित है। कांग्रेस पार्टी ने पूर्व विधायक मोहित राम केरकेट्टा का टिकट काटकर दुलेश्वरी सिदार पर अपना भरोसा जताया है। बता दें कि वर्ष 1957 में पोड़ी उपरोड़ा के जमींदार यज्ञ सैनी कुमारी ने यहां कांग्रेस पार्टी से चुनाव लड़ा था और जीत दर्ज की थी।

जिसके बाद वर्ष 1962 के विधानसभा चुनाव में दूसरी बार भी कांग्रेस पार्टी ने यज्ञ सैनी कुमारी को ही अपना प्रत्याशी बनाया था। वर्ष 1962 में भी कांग्रेस को यज्ञ सैनी कुमारी ने जीत का परचम लहराया था। लगभग 66 साल बाद एक बार फिर कांग्रेस ने महिला उम्मीदवार पर अपना भरोसा जताते हुए दुलेश्वरी सिदार को अपना प्रत्याशी बनाया है।

छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले के इतिहास में पहली बार किसी विधानसभा से राष्ट्रीय पार्टी ने अपना महिला उम्मीदवार चुनावी मैदान में उतारा है। पाली-तानाखार विधानसभा में कांग्रेस ने लगभग 66 वर्ष बाद पाली के जनपद अध्यक्ष दुलेश्वरी सिदार को अपना उम्मीदवार बनाया है। कोरबा जिले के चारों विधानसभा में अब तक किसी भी पार्टी ने किसी भी विधानसभा क्षेत्र में महिला उम्मीदवार नहीं उतारा था।

कोरबा जिले में 66 वर्ष के दौरान अब तक किसी भी राष्ट्रीय पार्टी ने महिला उम्मीदवार को अपना प्रत्याशी नहीं बनाया है. कांग्रेस ने इस विधानसभा चुनाव में पाली-तानाखार से नए चेहरे पर दांव लगाया है।

अब देखना यह है कि दुलेश्वरी सिदार अपने प्रतिद्वंदी भाजपा प्रत्याशी पूर्व विधायक रामदयाल उड़के को शिकस्त दे पाती है या नहीं। कांग्रेस द्वारा महिला प्रत्याशी को मैदान में उतारने के बाद क्षेत्र की महिलाओं में खासा उत्साह देखने को मिल रहा है।

पाली-तानाखार सीट वैसे तो कांग्रेस की पारंपरिक सीट कही जा सकती है। हालांकि यहां गोड़वाना गणतंत्र पार्टी का भी जनाधार है। कांग्रेस का इस सीट पर कब्जा जरुर है लेकिन आदिवासी उम्मीदवार के लिए आरक्षित इस सीट पर गोंगपा से उन्हें टक्कर मिलती रही है।

वहीं राष्ट्रीय पार्टी होने के बाद भी भाजपा इस सीट पर गोंगपा से पिछड़कर तीसरे स्थान पर खिसक जाती है लेकिन इस बार गोंगपा के हीरा सिंह मरकाम नहीं है। अब उनके बेटे तुलेश्वर यहां से गोंगपा पार्टी को तरफ से चुनाव लड़ रहे हैं।

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