हसदेव अरण्य क्षेत्र में कोल खनन रद्द होना भूपेश सरकार की बड़ी जीत

रायपुर। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं सांसद दीपक बैज ने कहा कि हसदेव अरण्य क्षेत्र में कोल खनन रद्द होना भूपेश सरकार की बड़ी जीत है और अडानी के साथ खड़े भाजपा की हार है। जंगल को बचाने की लड़ाई में भूपेश बघेल सरकार कांग्रेस आदिवासियों के साथ खड़ी थी और केन्द्र की मोदी की सरकार अपने मित्र अडानी के मुनाफे के लिये अड़ी हुयी थी।

हसदेव अरण्य, तमोर पिंगला और लेमरू एलिफेंट रिजर्व के भीतर नो गो एरिया में आने वाले 40 खदानों में खनन गतिविधियां बंद कराने का फ़ैसला भूपेश बघेल सरकार की बड़ी जीत है। भूपेश सरकार और छत्तीसगढ़ के आदिवासियों के संघर्ष ने केंद्र की मोदी सरकार को घुटनों पर आने मजबूर कर दिया।

यूपीए सरकार के समय छत्तीसगढ़ के तमोर पिंगला और हसदेव अरण्य के जंगलों को अति महत्वपूर्ण जैव विविधता संपन्न क्षेत्र मानते हुए तत्कालीन वन एवं पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश ने नो गो एरिया घोषित करते हुए खनन की गतिविधियां पूरी तरह प्रतिबंध की थी।

नो गो एरिया का तात्पर्य यह है कि वहां से 10 किलोमीटर के दायरे में किसी भी प्रकार का खनन कार्य प्रतिबंधित होता है। केंद्र की मोदी सरकार अपने पूंजीपति मित्र को फायदा दिलवाने के लिए देश में पहली बार कमर्शियल माइनिंग शुरू की। वन अधिकार अधिनियम में संशोधित किया। कोल बेयरिंग एक्ट में अधिनायकवादी तरीके से संशोधन किया। नो गो एरिया को संकुचित कर वहां पर भी कोल खदानें आवंटित किया गया था।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं सांसद दीपक बैज ने कहा कि भूपेश बघेल सरकार हाथी के उसे प्राकृतिक रहवास में 1995.48 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र को लेमरू हाथी रिजर्व बना रही है और इसके लिए अधिसूचना भी प्रकाशित की गई है।

केंद्र की मोदी सरकार ने राज्य सरकार की आपत्ति सहित सैकड़ों ग्राम सभा की आपत्ति को दरकिनार करते हुए उसे क्षेत्र में कोल खनन की अनुमति दी गई थी जिसके विरोध में रायगढ़, सरगुजा और कोरबा इलाके के सैकड़ो ग्रामीण सरगुजा से रायपुर तक पदयात्रा करके मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौपा था।

उस समय भी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा था कि हसदेव अरण्य के जंगल को बचाने, वन और पर्यावरण को बचाने और लेमरू हाथी रिजर्व स्थापित करने के लिए भूपेश सरकार प्रतिबद्ध है। आदिवासियों के संघर्ष में छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार भूपेश बघेल के नेतृत्व में अग्रिम पंक्ति में खड़े होकर मजबूती से लड़ाई लड़ी, जिसका परिणाम सामने है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं सांसद दीपक बैज ने कहा कि लेमरू एलिफेंट कारीडोर में मोदी सरकार के द्वारा आवंटित कोयला खदानों के खिलाफ भूपेश सरकार ने छत्तीसगढ़ विधानसभा में 27 जुलाई 2022 को प्रस्तावित प्रस्ताव पारित कर हसदेव अरण्य, तमोर पिंगला और कोरबा के हाथी रिजर्व क्षेत्र के वनों में कोल ब्लॉक आवंटन रद्द करने का संकल्प लिया था। उसे क्षेत्र में खनन निरस्त करने का फैसला छत्तीसगढ़ की जनता की जीत है।

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