रायपुर। राजधानी रायपुर की डब्ल्यूआरएस कालोनी के मैदान में होने वाले दशहरा उत्सव पूरे छत्तीसगढ़ में प्रसिद्ध है। यहां कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच लाखों की भीड़ में रामलीला के बाद रावण, मेघनाद और कुंभकरण का विशाल पुतला का दहन किया जाता है। इस बार चुनाव के कारण प्रदेश में आचार संहिता लागू है और आचार संहिता की वजह से डब्लूआरएस कालोनी में रावण का कद कम कर दिया गया है।

रायपुर के डब्ल्यूआरएस कॉलोनी में इस बार 101 फीट का रावण तैयार किया जा रहा है। हर बार रावण का कद 110 फीट का होता था, लेकिन इस बार समय की पाबंदी की वजह से रावण का कद 9 फीट घटाया गया हैं. इस बार कुंभकरण और मेघनाथ का पुतला भी 85 फीट का होगा । तैयारियों को लेकर समिति के सदस्यों ने कहा कि आचार संहिता की वजह से रावण का कद कम किया गया है, क्योंकि समय की पाबंदी है। हालांकि उत्सव में कोई कमी नहीं रहेगी. आतिशबाजियों में कोई कमी नहीं रहेगी. वहीं रायपुर के रावण भाटा मैदान में 60 फीट का रावण तैयार किया जा रहा है।

उल्लेखनीय है कि, बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक विजय दशमी रावण दहन का कार्यक्रम 24 अक्टूबर को मनाया जाएगा. मान्यता है कि इस दिन राम जी ने दस सिर वाले रावण का वध किया था. इसलिए इस दिन दस सिर वाले राव का पुतला बनाकर दहन किया जाता है. बुराई पर अच्छाई का प्रतीक दशहरा का पर्व जीवन में खुशियां लाता है. घर में बरकत के रास्ते खुलता है. आर्थिक स्थिति मजबूत करता है. वहीं, मां दुर्गा ने 9 रात्रि और दस दिन तक युद्ध कर महिषासुर का वध कर विजय प्राप्त की थी. इसलिए दशहरा को विजयदशमी के नाम से भी जाना जाता है.